५) "रहस्य "इस पाठ का सार लिखिए।
प्रश२) कहानी लेखन:-५अंका
एक खरगोश- सब की आंख बचाकर झाडी में छिपना एक
शिकारी कुत्ते का वन में आना-झाड़ी में संपना-सोते से जाग जाना-शिकारी
कले का खरगोश को ना पकड पाना- दौडना-कंटीली झाडियों में लाए जाना:
वन में भाग जान-कले का निराश होना यह सब देख कर लोमडी कााने पर
हंसना -कुते का समझना- लोमड़ी को जवाब देना परयोश का अपनी जान के
लिए भागना: कुत्ते कार भोजन के लिए उसके पीछे भागना-टोनाम अदर
लोमडी का सिर शर्म से झुक जाना-सीख शीर्षक:
प्रश्न३) पत्र लेखन:-(५अंका
Answers
I don't know what is the answer.
Answer:
बहुत समय पहले की बात है एक घने जंगल में एक बूढ़ा शिकारी कुत्ता रहता था। बूढ़े होने की वजह से उसका शरीर अब कमजोर होने लगा था। लेकिन फिर भी वो शिकारी कुत्ता बहुत बहादुर था और साथ ही वो ईमानदार भी था। एक दिन वो जंगल में चलते चलते एक खरगोश के घर के पास पहुंच गया। वहां उसने देखा खरगोश के बहुत सारे बच्चे घर के आस पास इधर उधर खेल रहे थे। खरगोश उस समय अपने भोजन की तलाश में कही दूर गया हुआ था। शिकारी कुत्ते को उन बच्चो पर दया आ गयी और वो उन्ही के पास बैठ गया जिससे की दूसरे जंगली जानवर उन बच्चों को कोई नुकशान ना पहुंचा सके। वो वहां पर शाम तक बैठा रहा।
जब खरगोश शाम को घर वापस आया तो देखा की एक शिकारी कुत्ता उसके घर के पास बैठा हुआ था। फिर उसने देखा की सारे बच्चे उसके इधर उधर घूम रहे थे लेकिन वो उन्हें कोई नुकशान नहीं पहुंचा रहा था। खरगोश ये देखकर बहुत खुश हुआ, वो उस कुत्ते के पास गया और उससे हाल चाल पूछा। उसकी उस कुत्ते से अब काफी अच्छी दोस्ती हो गयी। शिकारी कुत्ता भी अब उन्ही खरगोशों के साथ ही रहने लगा।
धीरे धीरे कुत्ते और खरगोश की पक्की दोस्ती हो गयी। ये सब कुछ एक चालाक लोमड़ी दूर पेंड़ के पीछे खड़ी देख रही थी। खरगोश के उन छोटे छोटे बच्चों को देखकर उस लोमड़ी के मुँह में पानी आ रहा था। लोमड़ी और उन खरगोश के बीच का बस एक ही कांटा था और वो था शिकारी कुत्ता। लोमड़ी ने सोचा की क्यों न उस शिकारी कुत्ते से दोस्ती कर के इसका फायदा उठाया जाए।
लोमड़ी ने धीरे धीरे कुत्ते से अपनी दोस्ती बढ़ानी शुरू कर दी। दोस्ती हो जाने के बाद जब कुत्ता खरगोश के साथ शिकार पर चल जाया करता तो उस समय लोमड़ी धीरे से आकर खरगोश के एक बच्चे को पकड़ कर ले जाती और उन्हें खा जाती। धीरे धीरे यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। अब धीरे धीरे खरगोश के बच्चे एक एक करके काम होने लगे। ये बात खरगोश ने जाकर अपने दोस्त शिकारी कुत्ते को बताई तो यह सुनकर उसे भी बड़ा आश्चर्य हुआ। उस शिकारी कुत्ते ने सोचा की उसके रहते ऐसा कैसे हो सकता है।
अगले दिन शिकारी कुत्ता खरगोश के साथ शिकार पर नहीं गया और छुप कर उन खरगोश के बच्चों पर नज़र रखने लगा। तभी उसने देखा की उसकी दोस्त लोमड़ी वहां पर आयी और एक खरगोश के बच्चे को पकड़ कर ले जाने लगी। उस कुत्ते ने उसी वक़्त लोमड़ी को मार डाला और ये सब बात जाकर उसने उस खरगोश को बता दी। खरगोश ने अपने दोस्त उस शिकारी कुत्ते को शुक्रिया कहा और फिर से वो सभी हंसी खुशी एक साथ उस जंगल में रहने लगे।