Hindi, asked by arzoo2007, 1 year ago

rahim ke 10 dohe bataye hindi mein

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Answered by asim12
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दोहा :- “जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं. गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं.”
अर्थ :- रहीम अपने दोहें में कहते हैं की किसी भी बड़े को छोटा कहने से बड़े का बड़प्पन कम नहीं होता, क्योकी गिरिधर को कान्हा कहने से उनकी महिमा में कमी नहीं होती.

दोहा :- “जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग. चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग.”
अर्थ :- रहीम ने कहा की जिन लोगों का स्वभाव अच्छा होता हैं, उन लोगों को बुरी संगती भी बिगाड़ नहीं पाती, जैसे जहरीले साप सुगंधित चन्दन के वृक्ष को लिपटे रहने पर भी उस पर कोई प्रभाव नहीं दाल पाते.

दोहा :- “रहिमन धागा प्रेम का, मत टोरो चटकाय. टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय”
अर्थ :- रहीम ने कहा की प्यार का नाता नाजुक होता हैं, इसे तोड़ना उचित नहीं होता. अगर ये धागा एक बार टूट जाता हैं तो फिर इसे मिलाना मुश्किल होता हैं, और यदि मिल भी जाये तो टूटे हुए धागों के बीच गाँठ पद जाती हैं.

दोहा :- “दोनों रहिमन एक से, जों लों बोलत नाहिं. जान परत हैं काक पिक, रितु बसंत के नाहिं”
अर्थ :- रहीम कहते हैं की कौआ और कोयल रंग में एक समान काले होते हैं. जब तक उनकी आवाज ना सुनायी दे तब तक उनकी पहचान नहीं होती लेकिन जब वसंत रुतु आता हैं तो कोयल की मधुर आवाज से दोनों में का अंतर स्पष्ट हो जाता हैं.


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