rahim ke 5 dohe meethi vani pr in hindi
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Explanation:
दोनों रहिमन एक से, जाैं लाैं बोलत नाहिं जान परत है काक पिक, ऋतु वसंत के माहिं।
कुटिल वचन सबतें बुरा, जारि करै सब छार साधु वचन जल रुप है, बरसै अमृत धार।
यही बड़ाई शब्द की, जैसे चुम्बक भाय ...
एेसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय ...
खोद खाद धरती सहे, काट कूट वनाराय ...
शीतल शब्द उच्चरिये, अहम मानिये नही
Apr 23, 2017
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Explanation:
ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय |
औरन को शीतल करै, आपहु शीतल होय ||
मान और अहंकार का त्याग करके ऐसी वाणी में बात करें कि औरों के साथ-साथ स्वयं को भी खुशी मिले | अर्थात मीठी वाणी से ही दिल जीते जाते हैं |
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