Hindi, asked by ISHATYASHASWI, 10 months ago

(rahim ke dohe) for class 8​

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Answered by shouryavarshney84
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This is your answer have a good night...

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Answered by peachypooja
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दोहा 1 :-

रहिमन धागा प्रेम का,मत तोड़ो चटकाय

टूटे से फिर ना जुड़े , जुड़े गाँठ पड़ जाए ||

अर्थ :- रहीम जी कहते हैं की प्रेम का सम्बन्ध बहुत ही नाजुक होता है इसे आसानी से नही तोड़ना चाहिए | क्योंकि जब एक बार प्रेम का सम्बन्ध टूट जाता है तो वो पहले जैसा नही रहता जिस प्रकार जब कोई धागा टूट जाता है और उसको दोबारा जोड़ा जाता है तो उसमे गाँठ पड़ जाती है | ठीक उसी प्रकार रिश्तों में भी मन-मोटाव रह जाता है |

दोहा 2 :-

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय

जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे होय ||

अर्थ :- रहीम जी कहते हैं की हम सभी प्रभु को दुःख में याद करते हैं ,यानि की जब हमारे उपर कोई विपदा आती है तभी हम भगवान को पुकारते हैं परन्तु सुख में भगवान् को कोई भी याद नही करता | आगे बढ़ते हुए रहीम जी कहते हैं की अगर भगवान् को सुख में याद किया जाए तो किसी भी प्रकार का दुःख होगा ही नही |

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