Hindi, asked by himneesh2193, 10 months ago

rahiman dhaga prem ka may todo chatkai, toote se phir na jude jude gath par jaye, kaun sa alankar hai​

Answers

Answered by Nidhisingh2005
2

Yahan par श्लेष व रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।गाँठ परि जाय-श्लेष अलंकार air धागा प्रेम का-रूपक अलंकार hai

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Answered by jayathakur3939
6

"रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।

टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय "

इन पंक्तियों में श्लेष व रूपक अलंकार है।

गाँठ परि जाय :- श्लेष अलंकार और धागा प्रेम का में :-रूपक अलंकार है |

श्लेष का अर्थ  :- होता है चिपका हुआ या मिला हुआ।  जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है।

रूपक अलंकार का अर्थ :- जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में अभिन्नता दर्शायी जाए तब वह रूपक अलंकार कहलाता है।

अलंकार का अर्थ होता है – आभूषण या श्रंगार चांदी के आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं | अलंकार स्वयं सौंदर्य नहीं होते, वे काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले सहायक तत्व होते हैं | अलंकारों के योग से  काव्य मनोहारी बन जाता है |

इन पंक्तियों में रहिमन" जी कहते हैं कि, प्रेम का नाता बहुत नाजुक होता है। इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं है। यदि यह प्रेम रूपी धागा एक बार टूट जाता है, तो फिर इसे मिलाना काफी कठिन हो जाता है। और अगर इसे मिलाने की कोशिश की जाए तो धागे की तरह मन में भी गाँठ पड़ जाती है |

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