raidas ke Swami Kaun Hai ve Kya Kya Karte Hai... pls answer
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रैदास के समय में स्वामी रामानन्द थे | वह बहुत प्रसिद्ध प्रतिष्ठित सन्त थे।
सन्त रामानन्द. इनका सबसे महान कार्य यह है की इन्होने भक्ति को सभी लोगो को समान रूप से पालन करने का अधिकार दिया | उनका कहना था कि ” सभी मनुष्य ईश्वर की संतान है न कोई ऊँचा है न नीचा, मनुष्य – मनुष्य में कोई भेद नहीं है | सबसे प्रेम करो और सबके अधिकार समान है | रामानंद ने उत्तर भारत और दक्षिण भारत की भक्ति परम्पराओ में समन्वय स्थापित किया|
रैदास की भक्ति भावना की विशेषताएँ
रैदास की भक्ति सेवक और मालिक के समान है जिस प्रकार सेवक अपने मालिक की भक्ति करता है और अपना पूरा जीवन उस मालिक की भक्ति पे लगा देता है | वैसे ही रैदास की भक्ति करना लोग अपना धर्म मानते है | वह व्यक्ति की आंतरिक भावनाओं और आपसी भाईचारे को ही सच्चा धर्म मानते थे। उनकी भक्ति में हमें दूसरों की सहायता करनी की सीख मिलती है. ओरों के प्रति दयालु व्यवहार |
रैदास के प्रभु दयालु हैं | वह सभी पर समान रूप से कृपा करते है | उनकी दया के कारण ही कबीर जी जैसे अन्य भगत तर गए | उनके लिए कोई बड़ा-छोटा , अमीर -गरीब नहीं है | उनके लिए सब एक समान थे वह किसी के साथ भेद-भाव नहीं रखते थे | रैदास बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। उनका विश्वास था कि ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार, परहित - भावना तथा सदव्यवहार का पालन करना अत्यावश्यक है।
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