Hindi, asked by dipikarathod4251, 1 year ago

Raidas ki bhakti kis prakar ki hai?

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Answered by bhatiamona
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Answer:

रैदास की भक्ति भावना

रैदास की भक्ति सेवक और मालिक के समान है जिस प्रकार सेवक अपने मालिक की भक्ति करता है और अपना पूरा जीवन उस मालिक की भक्ति पे लगा देता है | वैसे ही रैदास की भक्ति करना लोग अपना धर्म मानते है | वह व्यक्ति की आंतरिक भावनाओं और आपसी भाईचारे को ही सच्चा धर्म मानते थे। उनकी भक्ति में हमें दूसरों की सहायता करनी की सीख मिलती है. रैदास बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था।

रैदास  की भक्ति उनके लिए कोई बड़ा-छोटा , अमीर -गरीब नहीं है | उनके लिए सब एक समान थे वह किसी के साथ भेद-भाव नहीं रखते थे | उनका विश्वास था कि ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार, परहित - भावना तथा सदव्यवहार का पालन करना अत्यावश्यक है। अभिमान त्याग कर दूसरों के साथ व्यवहार करने और विनम्रता तथा शिष्टता के गुणों का विकास करने पर उन्होंने बहुत बल दिया। रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं। संत कवि रैदास उन महान् सन्तों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

Answered by bajpriti
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Answer:

मित्र रैदास ने अपने पदों में दास्य भाव की भक्ति प्रकट की है। जिस प्रकार एक सेवक अपने स्वामी के प्रति पूरी श्रद्धा तथा लगन से समर्पित रहता है। ... उसी प्रकार रैदास भी अपने प्रभु को सर्वस्व समर्पित कर चुके हैं। वे अपने आपको बहुत छोटा मानते हैं तथा प्रभु की भक्ति पर आश्रित हैं।

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