raidas Ne Swayam Ko Pani Aur Prabhu Ko Chandan kyu Mana Hai in Hindi class 9
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रविदास में स्वयं को पानी और भगवान को चंदन क्यों माना है ?
रविदास ने स्वयं को पानी और भगवान को चंदन इसलिए माना है क्योंकि जब चंदन पानी में मिल जाता है तो पानी से भी खुशबू आने लगती है इसी तरह अगर भगवान मनुष्य में मिल जाए अर्थात उनके साथ रहे तो मनुष्य का जीवन सफल हो जाएगा |
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Answer:
कवि प्रभु से कहता है कि हे प्रभु! अगर आप चंदन हैं तो आपका भक्त जल है। कवि कहता है कि जिस प्रकार जल की एक-एक बूंद में चंदन की सुगंध समा जाती है, उसी प्रकार भक्त के हर अंग में भगवान की भक्ति व्याप्त हो जाती है।
Explanation:
कवि ने स्वयं को जल मानकर भगवान को चन्दन माना है। रैदास के स्वामी निराकार भगवान हैं। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि जिस प्रकार जंगल में रहने वाला मोर आकाश से घिरे बादलों को देखकर प्रसन्न होता है, उसी प्रकार कवि भी उसकी आराधना को देखकर प्रसन्न होता है। कवि ने भक्त की उस अवस्था का वर्णन किया है जब उसकी भक्ति का रंग भक्त पर पूर्णतया छाया रहता है। इसलिए भक्त को भगवान की भक्ति से अलग करना असंभव हो जाता है।
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