Hindi, asked by Sachinkajar, 6 months ago

रजा साहब अपने धर्म के साथ-साथ उतने ही हिंदू और ईसाई भी थे।
उनके स्टुडियो में गणपति की मूर्ति, क्रॉस, बाइबल, गीता, कुरान, उनकी माँ
का एक फोटो, गांधीजी की आत्मकथा व भारत से लाई हुई मोगरे की कुछ
सूखी मालाएँ, सब एक साथ रखा रहता था। वे गणेश को भी पूजते थे और हर
रविवार को सुबह चर्च भी जाते थे।
एक दिन जहाँगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी देखते हुए किसी ने कहा, अरे
यह तो एस.एच. रजा हैं। मैं एकदम सावधान हो गई क्योंकि मेरी सूची में
उनका भी नाम था। मैंने उनके पास जाकर कहा - "रजा साहब, आपसे बात
करनी है!'' वे देखते ही रह गए! उन्होंने मुझे इंटरव्यू दिया, बहुत सारी बातें
हुईं। अचानक मुझसे पूछने लगे कि आप और क्या-क्या करती हैं। मैंने कहा,
"मैं कलाकार हूँ, पेंट करती हूँ।'' वे तुरंत खड़े हो गए और कहने लगे,
'चलो तुम्हारा काम देखते हैं।”​

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Answered by nanuudit
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Answer:

ham iska kya kare write some questions

Answered by maivishshaikh
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Answer:

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