India Languages, asked by ayushgupta4240, 1 year ago

rajniti aur bhrashtachar par nibandh in hindi

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Answered by Harsh982
69
hello
ur essay is here
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Answered by roshan30
42
मित्र हम इस विषय पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं बाकी आप स्वयं इसे विस्तारपूर्वक लिखा कीजिए-

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहाँ सबको हर तरह की स्वतंत्रता प्राप्त है। परन्तु हमारे देश में इसी भारत के अंदर तो भ्रष्टाचार का फैलाव दिन-भर-दिन बढ़ रहा है। लोग इसी स्वतंत्रता और हमारे देश के लचीले कानूनों का लाभ उठाते हैं। लोकतंत्र लोगों का तंत्र है। लोग अपनी इच्छा से अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। उनका प्रतिनिधि उनका प्रतिनिधित्व संसद में करता है। लोगों को चाहिए कि अपना प्रतिनिधि किसी दल के नाम पर न देकर एक सही और शिक्षित व्यक्ति को दे। परन्तु हमारे यहाँ अपने कीमती वोट को दलों के नाम पर व्यर्थ कर दिया जाता है। लोकतंत्र में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा फैलाव इन्हीं प्रतिनिधियों के द्वारा फैलाया गया है। इन्होंने जनता के विकास के नाम पर हज़ारों लाखों रुपया सरकार से हड़प लिया है। किसी भी तरह का कार्य हो बिना पैसे दिए ये कार्य ही नहीं करते हैं। ये भ्रष्टाचार धीरे-धीरे सरकारी व गैर-सरकारी विभागों तक फैलता चला गया इसकी चपेट में अब पूरा भारत जकड़ चुका है। आप यहाँ से अपना कोई भी काम करवाना चाहते हैं, बिना रिश्वत खिलाए काम करवाना संभव नहीं है। मंत्री से लेकर संतरी तक को आपको अपनी फाइल बढ़वाने के लिए पैसे का उपहार चढाना ही पड़ेगा।

मित्र हम इस विषय पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं बाकी आप स्वयं इसे विस्तारपूर्वक लिखा कीजिए-

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहाँ सबको हर तरह की स्वतंत्रता प्राप्त है। परन्तु हमारे देश में इसी भारत के अंदर तो भ्रष्टाचार का फैलाव दिन-भर-दिन बढ़ रहा है। लोग इसी स्वतंत्रता और हमारे देश के लचीले कानूनों का लाभ उठाते हैं। लोकतंत्र लोगों का तंत्र है। लोग अपनी इच्छा से अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। उनका प्रतिनिधि उनका प्रतिनिधित्व संसद में करता है। लोगों को चाहिए कि अपना प्रतिनिधि किसी दल के नाम पर न देकर एक सही और शिक्षित व्यक्ति को दे। परन्तु हमारे यहाँ अपने कीमती वोट को दलों के नाम पर व्यर्थ कर दिया जाता है। लोकतंत्र में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा फैलाव इन्हीं प्रतिनिधियों के द्वारा फैलाया गया है। इन्होंने जनता के विकास के नाम पर हज़ारों लाखों रुपया सरकार से हड़प लिया है। किसी भी तरह का कार्य हो बिना पैसे दिए ये कार्य ही नहीं करते हैं। ये भ्रष्टाचार धीरे-धीरे सरकारी व गैर-सरकारी विभागों तक फैलता चला गया इसकी चपेट में अब पूरा भारत जकड़ चुका है। आप यहाँ से अपना कोई भी काम करवाना चाहते हैं, बिना रिश्वत खिलाए काम करवाना संभव नहीं है। मंत्री से लेकर संतरी तक को आपको अपनी फाइल बढ़वाने के लिए पैसे का उपहार चढाना ही पड़ेगा।

नमस्कार मित्र!

''अनुशासन सफलता की कुंजी है''- यह किसी ने सही कहा है। अनुशासन मनुष्य के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। यदि मनुष्य अनुशासित जीवन जीता है, तो वह स्वयं के लिए सुखद और उज्जवल भविष्य की राह निर्धारित करता है। मनुष्य द्वारा नियमों में रहकर नियमित रूप से अपने कार्यों को करना अनुशासन कहा जाता है। यदि किसी के अंदर अनुशासनहीनता होती है तो वह स्वयं के लिए कठिनाईयों की खाई खोद डालता है। विद्यार्थी हमारे देश का मुख्य आधार स्तंभ है। यदि इनमें अनुशासन की कमी होगी, तो हम सोच सकते हैं कि देश का भविष्य कैसा होगा।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है। अनुशासन के द्वारा ही वह स्वयं के लिए उज्जवल भविष्य की कल्पना कर सकता है। यदि उसके जीवन में अनुशासन नहीं होगा, तो वह जीवन की दौड़ में सबसे पिछड़ जाएगा। उसकी अनुशासनहीनता उसे असफल बना देगी। विद्यार्थी के लिए अनुशासन में रहना और अपने सभी कार्यों को व्यवस्थित रूप से करना बहुत आवश्यक है। यह वह मार्ग है जो उसे जीवन में सफलता प्राप्त करवाता है। मनुष्य को बचपन से ही अनुशासन में रहना चाहिए। अनुशासन में रहने की सीख उसे अपने घर से ही प्राप्त होती है। विद्यार्थी को चाहिए कि विद्यालय में रहकर विद्यालय के बनाए सभी नियमों का पालन करे। अध्यापकों द्वारा पढ़ाए जा रहे सभी पाठों का अध्ययन पूरे मन से करना चाहिए। अध्यापकों द्वारा घर के लिए दिए गए गृहकार्य को नियमित रूप से करना चाहिए। समय पर अपने सभी कार्य करने चाहिए।

विद्यार्थी को चाहिए कि प्रतिदिन प्रात:काल उठकर व्यायाम करे, स्नान आदि करे और विद्यालय के लिए शीघ्र ही तैयार हो जाए। समय पर विद्यालय जाए। घर आकर समय पर भोजन करे, समय पर अध्ययन करे और खेलने भी जाए। रात्रि के भोजन के पश्चात समय पर सोना भी विद्यार्थी के लिए उत्तम रहता है। इस तरह की व्यवस्थित जीवन-शैली उसे तरोताज़ा रखती है और जीवन में स्वयं को सदृढ़ भी रखती है।

यदि हम अपने चारों तरफ देखें तो अनुशासन हर रूप में विद्यमान है। सूर्य समय पर उगता और समय पर अस्त हो जाता है। जीव-जन्तु भी इसी अनुशासन का पालन करते हुए दिखाई देते हैं। पेड़-पौधों में भी यही अनुशासन व्याप्त रहता है। घड़ी की सुई भी अनुशासन का पालन करे हुए चलती है। ये सब हमें अनुशासन की ही शिक्षा देते हैं।

परंतु समाज में चारों तरफ अनुशासनहीनता दिखाई देती है। यही कारण है कि देश की प्रगति और विकास सही प्रकार से हो नहीं पा रहा है। यदि विद्यार्थियों में अनुशासन नहीं होगा तो समाज की दशा बिगड़ेगी और यदि समाज की दशा बिगड़ेगी तो देश कैसे उससे अछूता रहेगा। हमें चाहिए कि विद्यालयों में अनुशासन पर ज़ोर दिया जाए। विद्यार्थियों का मन चंचल और शरारती होता है। अनुशासन उनके चंचल मन को स्थिर करता है। यह स्थिरता उन्हें जीवन के सघर्ष में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ने में सहायक होती है। यह सब अनुशासन के कारण ही संभव हो पाता है।

 

ढेरों शुभकामनाएँ!


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