रक्षाबंधन और इसके महत्व के बारे में लिखें।
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★★★ ★ ★ ★ रक्षाबंधन ★ ★★ ★★★★★★
रक्षाबंधन का महत्व तो इतना ज्यादा है कि उसे मैं या कोई अन्य व्यक्ति उसका वर्णन नहीं कर सकता । मित्र मैं आपके सामने कुछ पंक्तियों में इसका निष्कर्ष बताने की कोशिश कर रहा हूँ ।
■ ■ ■ रक्षाबंधन और राखी ■ ■ ■
रक्षाबंधन =रक्षा +बंधन।
यानि यह त्यौहार आपको रक्षा भी करती है और आपको बंधन में रिस्ते में बांधती भी है।
■ ■ ■ राखी का अर्थ है पवित्रता ■ ■ ■
यह सिर्फ एक धागा नहीं है ,बल्कि पवित्रता का धागा है ,सम्बन्ध है ,जो भाई और बेहेन के जीवन में होती है।
दरहसल यह पवित्रता की शक्ति ही भाई -बहनो को बंधन में बांधती है और उसकी आयु बढाती है।
इसको आप ऐसे भी समझ सकते है।
Purity से होती है Unity - और Impurity से होता है विनाश।
यानि जहाँ पवित्रता होती है ,वहां संगठन जरूर होगा ,और उस संगठन में प्यार जरूर होगा। और इसका just उल्टा , जहाँ पवित्रता नहीं वहां प्यार नहीं तो संगठन की बात ही छोड़ दीजिये।
उसी तरह भाई और बहन का भी रिस्ता है -जो पवित्रता के डोर से बंधा हुआ है उसी डोर का नाम है राखी। कोई 10 रुपये के धागे या 100 रुपये के बढ़िया भागे का नाम राखी नहीं है ,इसी पवित्रता की बात है।
इसका सम्बन्ध ऐसा है कि इनको हर कदम रक्षा करती है। यह आपको back support देती है। जिससे आपकी मुश्किल आसान हो जाती है। यह बहूत बड़ा त्यौहार है ,इसे सिर्फ धागा बांधने तक सिमित ना रखे।
क्यूंकि यह मानवजाति को संदेश देती है कि प्यार का मतलब कुछ और है जो भाई -बहनों में होती है।
( अरे भई मैं तो कहता हूँ कि रक्षाबंधन में हमे Z+ सिक्योरिटी गार्ड मिल जाता हैं , जो हर आपातकालीन स्थिति में हमेशा हमारी मदद करता है । )
★ ★ ★ राखी के महत्व का सच ★★★★ ★ ★ ★
वे प्यार एक स्पर्श यह खरोंच कर सकते हैं कि एक फूल के रूप में नाजुक है कहना, और अभी तक के रूप में इतनी मजबूत सभी तूफानों का सामना करने के लिए. प्रेम स्वतंत्रता और शक्ति का प्रतीक है लेकिन पवित्रता और आध्यात्मिक सिद्धांतों पर आधारित केवल जब. रक्षाबंधन का त्योहार (संरक्षण के बॉन्ड) इस पवित्र की बोलती, प्रेम संबंधों कि पाले, रक्षा करता है और परंपरागत, बहनें लागू “अपने भाइयों के माथे पर तिलक ", सजाया एक रंगीन टाई “उनके भाई की कलाई पर राखी "या धागा, और उनके प्यार की निशानी के रूप में मिठाई की पेशकश. बदले में, भाई सभी परिस्थितियों और निश्चित रूप से अपनी बहन की रक्षा करने के लिए कसमें, उसकी बहन एक उपहार देता है.
रक्षा बंधन एक गहरा आध्यात्मिक व्याख्या की है. “तिलक "पर विजयी होने का एक संकेत है “शरीर चेतना 'और नकारात्मक कार्रवाई करने के लिए हमें प्रभावित फैलाया कि की वेब. यह भी एक के बारे में जागरूकता की जागृति का प्रतीक है “आत्मा चेतना”, दिव्य ऊर्जा का अत्यल्प अंक के रूप में हमारी असली पहचान साकार - आत्मा, फेंकना, पोशाक, आत्मा या परमात्मा प्रकाश ऊर्जा, और नहीं भौतिक शरीर.
【 【 【 इस वर्ष राखी 】 】 】
श्रावण पूर्णिमा के दिन शनिवार 29 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन दोपहर 1.50 बजे तक भद्राकाल होने के कारण राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इसके बाद ही है। भद्राकाल में राखी बांधना शास्त्रों में वर्जित माना गया है।
【 【 【 धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व 】 】 】
रक्षा बंधन भाई और बहन के रिश्ते की पहचान माना जाता है। राखी का धागा बांध बहन अपने भाई से अपनी रक्षा का प्रण लेती है। यूं तो भाई-बहनों के प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन की मोहताज नहीं, लेकिन रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना है। रक्षाबंधन के संदर्भ में भी कहा जाता है कि अगर इस पर्व का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व नहीं होता तो शायद यह पर्व अब तक अस्तित्व में रहता ही नहीं।
【 【 【 महाभारत में रक्षाबंधन 】 】 】
महाभारत में भी रक्षाबंधन के पर्व का उल्लेख है। जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को कैसे पार कर सकता हूं, तब कृष्ण ने उनकी तथा उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्यौहार मनाने की सलाह दी थी। शिशुपाल का वध करते समय कृष्णकी तर्जनी में चोट आ गई, तो द्रौपदी ने लहू रोकने के लिए अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दी थी। यह भी श्रवण मास की पूर्णिमा का दिन था। कृष्ण ने चीरहरण के समय उनकी लाज बचाकर यह कर्ज चुकाया था।
【 【 【 हुमायूं ने निभाई राखी की लाज 】 】 】
चित्ताैड़ की विधवा महारानी कर्मावती ने जब अपने राज्य पर संकट के बादल मंडराते देखे तो उन्होंने गुजरात के बहादुर शाह के खिलाफ मुगलसम्राट हुमायूंको राखी भेज मदद की गुहार लगाई और उस धागे का मान रखते हुए हुमायूं ने तुरंत अपनी सेना चित्ताैड़ रवाना कर दी। इस धागे की मूल भावना को मुगल सम्राट ने न केवल समझा बल्कि उसका मान भी रखा।
【 【 【 सिकंदर ने अदा किया राखी का कर्ज】 】 】
कहते हैं, सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू शत्रु पुरु को राखी बांध कर उसे अपना भाई बनाया था और युद्ध के समय सिकंदर को न मारने का वचन लिया था। पुरु ने युद्ध के दौरान हाथ में बंधी राखी का और अपनी बहन को दिए हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकंदर को जीवन दान दिया था
यदि आपको यह जानकारी पसंद आया हो तो आप इस जानकारी को और लोगों तक पहुँचाने में मेरी मदद कर सकते है।
धन्यवाद ;) ☺☺☺☺☺
रक्षाबंधन का महत्व तो इतना ज्यादा है कि उसे मैं या कोई अन्य व्यक्ति उसका वर्णन नहीं कर सकता । मित्र मैं आपके सामने कुछ पंक्तियों में इसका निष्कर्ष बताने की कोशिश कर रहा हूँ ।
■ ■ ■ रक्षाबंधन और राखी ■ ■ ■
रक्षाबंधन =रक्षा +बंधन।
यानि यह त्यौहार आपको रक्षा भी करती है और आपको बंधन में रिस्ते में बांधती भी है।
■ ■ ■ राखी का अर्थ है पवित्रता ■ ■ ■
यह सिर्फ एक धागा नहीं है ,बल्कि पवित्रता का धागा है ,सम्बन्ध है ,जो भाई और बेहेन के जीवन में होती है।
दरहसल यह पवित्रता की शक्ति ही भाई -बहनो को बंधन में बांधती है और उसकी आयु बढाती है।
इसको आप ऐसे भी समझ सकते है।
Purity से होती है Unity - और Impurity से होता है विनाश।
यानि जहाँ पवित्रता होती है ,वहां संगठन जरूर होगा ,और उस संगठन में प्यार जरूर होगा। और इसका just उल्टा , जहाँ पवित्रता नहीं वहां प्यार नहीं तो संगठन की बात ही छोड़ दीजिये।
उसी तरह भाई और बहन का भी रिस्ता है -जो पवित्रता के डोर से बंधा हुआ है उसी डोर का नाम है राखी। कोई 10 रुपये के धागे या 100 रुपये के बढ़िया भागे का नाम राखी नहीं है ,इसी पवित्रता की बात है।
इसका सम्बन्ध ऐसा है कि इनको हर कदम रक्षा करती है। यह आपको back support देती है। जिससे आपकी मुश्किल आसान हो जाती है। यह बहूत बड़ा त्यौहार है ,इसे सिर्फ धागा बांधने तक सिमित ना रखे।
क्यूंकि यह मानवजाति को संदेश देती है कि प्यार का मतलब कुछ और है जो भाई -बहनों में होती है।
( अरे भई मैं तो कहता हूँ कि रक्षाबंधन में हमे Z+ सिक्योरिटी गार्ड मिल जाता हैं , जो हर आपातकालीन स्थिति में हमेशा हमारी मदद करता है । )
★ ★ ★ राखी के महत्व का सच ★★★★ ★ ★ ★
वे प्यार एक स्पर्श यह खरोंच कर सकते हैं कि एक फूल के रूप में नाजुक है कहना, और अभी तक के रूप में इतनी मजबूत सभी तूफानों का सामना करने के लिए. प्रेम स्वतंत्रता और शक्ति का प्रतीक है लेकिन पवित्रता और आध्यात्मिक सिद्धांतों पर आधारित केवल जब. रक्षाबंधन का त्योहार (संरक्षण के बॉन्ड) इस पवित्र की बोलती, प्रेम संबंधों कि पाले, रक्षा करता है और परंपरागत, बहनें लागू “अपने भाइयों के माथे पर तिलक ", सजाया एक रंगीन टाई “उनके भाई की कलाई पर राखी "या धागा, और उनके प्यार की निशानी के रूप में मिठाई की पेशकश. बदले में, भाई सभी परिस्थितियों और निश्चित रूप से अपनी बहन की रक्षा करने के लिए कसमें, उसकी बहन एक उपहार देता है.
रक्षा बंधन एक गहरा आध्यात्मिक व्याख्या की है. “तिलक "पर विजयी होने का एक संकेत है “शरीर चेतना 'और नकारात्मक कार्रवाई करने के लिए हमें प्रभावित फैलाया कि की वेब. यह भी एक के बारे में जागरूकता की जागृति का प्रतीक है “आत्मा चेतना”, दिव्य ऊर्जा का अत्यल्प अंक के रूप में हमारी असली पहचान साकार - आत्मा, फेंकना, पोशाक, आत्मा या परमात्मा प्रकाश ऊर्जा, और नहीं भौतिक शरीर.
【 【 【 इस वर्ष राखी 】 】 】
श्रावण पूर्णिमा के दिन शनिवार 29 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन दोपहर 1.50 बजे तक भद्राकाल होने के कारण राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इसके बाद ही है। भद्राकाल में राखी बांधना शास्त्रों में वर्जित माना गया है।
【 【 【 धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व 】 】 】
रक्षा बंधन भाई और बहन के रिश्ते की पहचान माना जाता है। राखी का धागा बांध बहन अपने भाई से अपनी रक्षा का प्रण लेती है। यूं तो भाई-बहनों के प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन की मोहताज नहीं, लेकिन रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना है। रक्षाबंधन के संदर्भ में भी कहा जाता है कि अगर इस पर्व का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व नहीं होता तो शायद यह पर्व अब तक अस्तित्व में रहता ही नहीं।
【 【 【 महाभारत में रक्षाबंधन 】 】 】
महाभारत में भी रक्षाबंधन के पर्व का उल्लेख है। जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को कैसे पार कर सकता हूं, तब कृष्ण ने उनकी तथा उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्यौहार मनाने की सलाह दी थी। शिशुपाल का वध करते समय कृष्णकी तर्जनी में चोट आ गई, तो द्रौपदी ने लहू रोकने के लिए अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दी थी। यह भी श्रवण मास की पूर्णिमा का दिन था। कृष्ण ने चीरहरण के समय उनकी लाज बचाकर यह कर्ज चुकाया था।
【 【 【 हुमायूं ने निभाई राखी की लाज 】 】 】
चित्ताैड़ की विधवा महारानी कर्मावती ने जब अपने राज्य पर संकट के बादल मंडराते देखे तो उन्होंने गुजरात के बहादुर शाह के खिलाफ मुगलसम्राट हुमायूंको राखी भेज मदद की गुहार लगाई और उस धागे का मान रखते हुए हुमायूं ने तुरंत अपनी सेना चित्ताैड़ रवाना कर दी। इस धागे की मूल भावना को मुगल सम्राट ने न केवल समझा बल्कि उसका मान भी रखा।
【 【 【 सिकंदर ने अदा किया राखी का कर्ज】 】 】
कहते हैं, सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू शत्रु पुरु को राखी बांध कर उसे अपना भाई बनाया था और युद्ध के समय सिकंदर को न मारने का वचन लिया था। पुरु ने युद्ध के दौरान हाथ में बंधी राखी का और अपनी बहन को दिए हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकंदर को जीवन दान दिया था
यदि आपको यह जानकारी पसंद आया हो तो आप इस जानकारी को और लोगों तक पहुँचाने में मेरी मदद कर सकते है।
धन्यवाद ;) ☺☺☺☺☺
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The festival of Rakshabandhan is a symbol of the sacred affection of the brother and sister. This is a special festival of Hindus. The symbol of the affection of brother and sister is not celebrated in any country of the world. Due to the celebration of Shravan month on the full moon day, it is also known as Shravani.
Rakshabandhan is a major festival of hundus. This festival is a symbol of mutual love of brother and sister. On this day siblings builds a defense formula. Every sibling promises to protect the sisters in every situation. These people keep their homes clean. Delicious dishes and desserts are made in all the houses. At the time of worship, all siblings wear beautiful and new clothes. Often, giving a gift to siblings on the siege of the siege. This is a symbol of India's culture and tradition. This festival is celebrated by people of Hindu-Muslim Sikh Christian faith.
Hope this answer helps you
Rakshabandhan is a major festival of hundus. This festival is a symbol of mutual love of brother and sister. On this day siblings builds a defense formula. Every sibling promises to protect the sisters in every situation. These people keep their homes clean. Delicious dishes and desserts are made in all the houses. At the time of worship, all siblings wear beautiful and new clothes. Often, giving a gift to siblings on the siege of the siege. This is a symbol of India's culture and tradition. This festival is celebrated by people of Hindu-Muslim Sikh Christian faith.
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