CBSE BOARD XII, asked by abhitomaryz, 6 days ago

रक्षक रक्षा करता है इन संस्कृत​

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Answered by rayamajhisangita553
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Answer:

correct that the book is not clear and the attic is still not 5th in my email address as Brainliest is a new member so please can I have a safe and safe return from Nepal and

Answered by ishwarithombare3
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Answer:

धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् ॥

मरा हुआ धर्म मारने वाले का नाश, और रक्षित धर्म रक्षक की रक्षा करता है। इसलिए धर्म का हनन कभी न करना, इस डर से कि मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले।' "

स्वस्तिक चिह्न

हिन्दू धर्म का प्रतीक स्वस्तिक चिन्ह है और कई पीढ़ियों से इस्तेमाल में है।

"जैन धर्म

जैन धर्म भारत का एक धर्म है। जैन धर्म का मानना है कि यह संसार अनादिकाल से चला आ रहा है, वह अनंत काल तक चलता रहेगा एवं सभ्यता का निरंतर विकास होता रहेगा जो एक विंदु है। जिन्होंने स्वयं को जीत लिया हो अर्थात मोह राग द्वेष को जीत लिया हो वो जैन अर्थात् उनका अनुसरण करने वाले। जिन धर्म कहता है भगवान कोई अलग से नहीं होते वरन् व्यक्ति निज शुद्धात्मा की साधना से भगवान बन सकता है। भगवान कुछ नहीं करता, मात्र जानता है। सब अपने कर्मों के उदय से होता है। जैन धर्म कहता है कोई बंधन नहीं है तुम सोचो समझो विचारो फिर तुम्हें जैसा लगे वैसा शीघ्रातिशीघ्र करो। जैन धर्म संसार का एक मात्र ऐसा धर्म है जो व्यक्ति को स्वतंत्रता प्रदान करता है।जैन धर्म में भगवान को नमस्कार नहीं है अपितु उनके गुणों को नमस्कार है।

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