Hindi, asked by success124, 1 year ago

रक्त दान महादान पर vigyapan​

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Answered by Anonymous
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रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।

अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षि‍त व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।

क्या कहते हैं आँकड़े :

यदि मध् यप्रदेश में रक्तदान के प्रतिशत की बात करें तो वर्ष 2006 में 56.2 प्रतिशत, वर्ष 2007 में 65.17 प्रतिशत, वर्ष 2008 में 68.75 प्रतिशत के लगभग रहा, जो कि संतोषप्रद है परंतु शत-प्रतिशत रक्तदान के आँकड़ों से हम अभी भी बहुत दूर है। आज भी कहीं न कहीं प्रदेश को रक्तदान में टॉप 5 राज्यों की दौड़ में शामिल होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन यह इंतजार जल्दी ही खत्म हो सकता है अगर हम सभी संकल्प लें कि कम से कम स्वयं तो रक्तदान जरूर करेंगे। देशभर में रक्तदान हेतु नाको, रेडक्रास जैसी कई संस्थाएँ लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है परंतु इनके प्रयास तभी सार्थक होंगे, जब हम स्वयं रक्तदान करने के लिए आगे आएँगे और अपने मित्रों व रिश्तेदारों को भी इस हेतु आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे।

कौन कर सकता है रक्तदान :

* कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।

* जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो।

* जिसके रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 प्रतिशत से अधिक हो।

ये नहीं करें रक्तदान :

* महावारी के दौर से गुजर रही महिला।

* बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला।


Anonymous: lo maine comment kar de
success124: a lekin vigya PAN batana he importance but thanks
Answered by amitsinghsinghsingh5
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Explanation:

रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।

अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षि‍त व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।

क्या कहते हैं आँकड़े :

यदि मध् यप्रदेश में रक्तदान के प्रतिशत की बात करें तो वर्ष 2006 में 56.2 प्रतिशत, वर्ष 2007 में 65.17 प्रतिशत, वर्ष 2008 में 68.75 प्रतिशत के लगभग रहा, जो कि संतोषप्रद है परंतु शत-प्रतिशत रक्तदान के आँकड़ों से हम अभी भी बहुत दूर है। आज भी कहीं न कहीं प्रदेश को रक्तदान में टॉप 5 राज्यों की दौड़ में शामिल होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन यह इंतजार जल्दी ही खत्म हो सकता है अगर हम सभी संकल्प लें कि कम से कम स्वयं तो रक्तदान जरूर करेंगे। देशभर में रक्तदान हेतु नाको, रेडक्रास जैसी कई संस्थाएँ लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है परंतु इनके प्रयास तभी सार्थक होंगे, जब हम स्वयं रक्तदान करने के लिए आगे आएँगे और अपने मित्रों व रिश्तेदारों को भी इस हेतु आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे।

कौन कर सकता है रक्तदान :

* कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।

* जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो।

* जिसके रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 प्रतिशत से अधिक हो।

ये नहीं करें रक्तदान :

* महावारी के दौर से गुजर रही महिला।

* बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला।

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