Hindi, asked by Kushev7134, 1 day ago

रक्तदान करना हमारा उत्तरदायित्व है,नाटक के आधार पर लिखिये

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Answered by Rich5238
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Answer:

रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं। गरीब देशों में, स्थापित आपूर्ति सीमित हैं और आमतौर पर परिवार या मित्रों के लिए आधान की जरूरत होने पर ही रक्तदाता रक्त दिया करते हैं। अनेक दाता दान के रूप में रक्त देते हैं, जो लोगों को भुगतान किया जाता है और कुछ मामलों में पैसे के बजाय काम के समय में सवैतनिक छुट्टी के रूप में प्रोत्साहन दिए जाते हैं। कोई दाता अपने भविष्य के उपयोग के लिए रक्त दान कर सकता है। रक्त दान अपेक्षाकृत सुरक्षित है, लेकिन कुछ दाताओं को उस जगह खरोंच आ जाती है जहां सूई डाली जाती है या कुछ लोग मूर्छा महसूस करते है।

Explanation:

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Answered by mithu456
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उत्तर:रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं।
व्याख्या:जीवन बचाने के लिए खून चढाने की जरूरत पडती है। दुर्घटना, रक्‍तस्‍त्राव, प्रसवकाल और ऑपरेशन आदि अवसरों में शामिल है, जिनके कारण अत्‍यधिक खून बह सकता है और इस अवसर पर उन लोगों को खून की आवश्‍यकता पडती है। थेलेसिमिया, ल्‍यूकिमिया, हीमोफिलिया जैसे अनेंक रोगों से पीडित व्‍यक्तियों के शरीर को भी बार-बार रक्‍त की आवश्‍यकता रहती है अन्‍यथा उनका जीवन खतरे में रहता है। जिसके कारण उनको खून चढाना अनिवार्य हो जाता है।

नाटक के द्वारा लोगों को खून दान के लिए समझाया गया है
रक्तदान का महत्व समझाने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक 'रक्तदान माह कल्याण' का मंचन किया। तरुण शर्मा के निर्देशन में राजपुरा में मंचित नुक्कड़ नाटक में दर्शाया कि कैसे रक्तदान कर किसी की जान बचाई जा सकती है। रक्त देने के बाद जो संतोष मिलता वह किसी दान से नहीं। देश में आज भी हजारों जिंदगियां समय पर रक्त न मिलने के कारण खत्म हो जाती हैं। साहिल तिलक शर्मा के लिखे नाटक में दर्शाया कि आज खून की एक बोतल से एक से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती है। युवाओं को रक्तदान के लिए बढ़चढ़ कर आगे आना चाहिए। लोगों में रक्तदान को लेकर जो भ्रम हैं, उसे भी दूर करने का प्रयास किया। एक स्वस्थ व्यक्ति वर्ष में चार बार रक्तदान कर सकता है। रक्तदान से कोई नुक्सान नहीं होता है।
नाटक द्वारा लोगों को समझाया गया है|
निष्कर्ष:रक्त हमारे शरीर में आवश्यक तरल पदार्थों में से एक है, जो शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। रक्तदान जरूरतमंद लोगों को स्वस्थ रक्त दान करने का एक कार्य है। अत्यधिक रक्त की हानि के कारण व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। अतः हम कह सकते हैं कि रक्तदान जीवन बचाने का कार्य है।
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