ram laxman parshuram samvaad full summary in hindi
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राम सुनो जिसने भी शिव धनुष तोडा है वह मेरे लिए सहस्रबाहु के समान शत्रु है। जिसने भी इस धनुष को तोडा है, वह सभा से बाहर आ जाए अन्यथा सभी राजा मारे जाएँगे। मुनि के क्रोध पूर्ण वचन सुनकर लक्ष्मण मुस्काते हैं और परशुराम का अपमान करते हुए कहते हैं कि मैंने बचपन में अनेकों धनुहियाँ तोड़ डाली तब आपने क्रोध नहीं किया।
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