Social Sciences, asked by sanjaykssb22gmailcom, 11 months ago

Ramayan shlok any three​

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Answered by Fazilk009
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Answer:

1.धर्म-धर्मादर्थः प्रभवति धर्मात्प्रभवते सुखम् ।

धर्मण लभते सर्वं धर्मप्रसारमिदं जगत् ॥

   

अर्थ- धर्म से ही धन, सुख तथा सब कुछ प्राप्त होता है। इस संसार में धर्म ही सार वस्तु है।

2.सत्य -सत्यमेवेश्वरो लोके सत्ये धर्मः सदाश्रितः ।

   सत्यमूलनि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम् ॥

 

अर्थ- सत्य ही संसार में ईश्वर है; धर्म भी सत्य के ही आश्रित है; सत्य ही समस्त भव-                    

       विभव का मूल है; सत्य से बढ़कर और कुछ नहीं है।

3.सत्य -सत्यमेवेश्वरो लोके सत्ये धर्मः सदाश्रितः ।

  सत्यमूलनि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम् ॥

अर्थ- सत्य ही संसार में ईश्वर है; धर्म भी सत्य के ही आश्रित है; सत्य ही समस्त भव-

      विभव का मूल है; सत्य से बढ़कर और कुछ नहीं है।

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