Ramjani kaam mein jute gai
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जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्लास्टिक बंद होने पर गधोली की ललिता जूट के थैले का विकल्प सामने लेकर आई है। इनके निर्मित थैलों की बाजार में मांग बढ़ी है। दो वर्ष पूर्व घर से इस काम की शुरुआत की थी। उस समय मांग कम थी। जब से प्लास्टिक बंद करने का निर्णय लिया गया है। तब से थैलों की मांग बढ़ी है। साथ ही अन्य महिलाओं को भी जागरूक करती हैं।
गधौली निवासी ललिता ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसी बीच उसे पता चला कि जूट के थैले बनाकर अगर मार्केट में सप्लाई किए जाए तो इससे अच्छी आय हो सकती है। इसके बाद यह काम घर से ही शुरू किया। शुरू भले ही अकेले किया, लेकिन इस समय उनके साथ 10 महिलाएं जुड़ी हैं। रोजाना 50 से 100 थैले तैयार किए जाते हैं। ललिता ने बताया कि उनके पति नरेश कुमार शो रूम में काम करते हैं। पोलीथिन बंद हो गई। संचालकों की ओर से विकल्प मांगा गया। उन्होंने संचालकों बताया कि उनके घर पर जूट के थैले तैयार किए जाते हैं। जो मजबूत है। पोलीथिन का अच्छा विकल्प है। उन्होंने थैलों की पहली सप्लाई पति के शो रूम पर हुई। यहां से फिर उनको बाजार में थैले बेचने में दिक्कत नहीं आई।
त्योहार के सीजन में मांग ज्यादा
जब से नगर निगम की ओर से पोलीथिन बंद करने के लिए अभियान शुरू हुआ है। थैलों की मांग बाजार में अच्छी खासी बढ़ी है। खरीदार घर पर ही पहुंच रहे हैं। थैले के कार्य से पूरा ग्रुप खुश है। निगम की ओर से मिलता है प्रशिक्षण