रणवीर की राशन की दुकान थी। उसकी दुकान पर दालें, चावल और आटे से लेकर नमकीन बिस्कुट आदि सब कुछ मिलता था । ऐसी कोई चीज़ न होगी जो उसकी दुकान पर न मिलती हो । एक बार दुकान पर रखी शहद की बोतल उलट गई । चारों ओर से कई मक्खियाँ उस बिखरे शहद पर टूट पड़ी । सब कुछ भूलकर वे शहद चाटन लगी। वे शहद चाटने में इतनी मग्न हो गई कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब उनके पैर शहद में चिपक गए । अब उनके लिए उड़ना मुशकिल हो गया । उन्हें अपने लालच पर पछतावा होने लगा। प्रश्नः 1.रणवीर की दुकान में क्या-क्या मिलता था? 2.मक्खियों को उड़ना मुशकिल क्यों हो गया था ?
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1. ranveer ki dukan par wo sab milta tha jo upar ki teen lines mein likha hai.
2. makhiyan isliye nhi ud payi kyonki unke pair me shahad chipak gya tha
simple iske liye point waste kiye?
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