Rani durgavati museum in hindi
Answers
Answered by
0
Hey Friend
Here is your answer
मध्यप्रदेश के पूर्वी अंचल का सम्भागीय मुख्यालय जबलपुर पुण्य सलिला नर्मदा नदी के उत्तरी ओर स्थित है। यह ऐतिहासिक नगर देश के बडे़ नगरों यथा दिल्ली वाराणसी इलाहाबाद कानपुर नागपुर भोपाल] ग्वालियर सागर आदि से सडक व रेलमार्ग द्वारा जुडा हुआ है।
जबलपुर अंचल प्राचीन काल से ही समृद्ध क्षेत्र रहा है। मौर्यकाल का महत्वपूर्ण साक्ष्य रूपनाथ का लघु शिलालेख है] जो सम्राट अशोक द्वारा उत्कीर्ण करवाया गया था। मौर्यो के बाद शुंग, सातवाहन, कुषाण, शक भी यहां के शासक रहे। सातवाहन कालीन अश्वमेध यज्ञ की सूचना देने वाला बघोरा से प्राप्त शिवघोश का शिलालेश एवं कुषाण-शक क्षत्रप कालीन अभिलिखित यक्षी प्रतिमा का भेड़ाघाट जबलपुर अंचल से प्राप्ति क्षेत्रीय इतिहास के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। बुधगुप्त व जयनाथ के ताम्र पत्र गुप्त काल के महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। कलचुरि काल में त्रिपुरी डाहल मण्डल की राजधानी था जहां से लगभग 500 वर्ष कलचुरि शासको ने विशाल भूभाग पर शासन किया। इसके बाद गोंड वंश में संग्रामशाह, दलपतिशाह व रानी दुर्गावती जैसे साहसी व प्रतापी शासक हुए है।
कलचुरि काल में जबलपुर को जाउली पत्तल या जाबालिपत्तन कहा जाता था। इस समय बड़े पैमाने पर मंदिरों] मठों व मूर्तियों का निर्माण हुआ] जिसमें कई कलाकेन्द्र यथा बिलहरी] कारीतलाई] तिगवां] तेवर एवं भेडाघाट आदि स्थापित हुए।
Hope it helps.
Image - Google Pic
Here is your answer
मध्यप्रदेश के पूर्वी अंचल का सम्भागीय मुख्यालय जबलपुर पुण्य सलिला नर्मदा नदी के उत्तरी ओर स्थित है। यह ऐतिहासिक नगर देश के बडे़ नगरों यथा दिल्ली वाराणसी इलाहाबाद कानपुर नागपुर भोपाल] ग्वालियर सागर आदि से सडक व रेलमार्ग द्वारा जुडा हुआ है।
जबलपुर अंचल प्राचीन काल से ही समृद्ध क्षेत्र रहा है। मौर्यकाल का महत्वपूर्ण साक्ष्य रूपनाथ का लघु शिलालेख है] जो सम्राट अशोक द्वारा उत्कीर्ण करवाया गया था। मौर्यो के बाद शुंग, सातवाहन, कुषाण, शक भी यहां के शासक रहे। सातवाहन कालीन अश्वमेध यज्ञ की सूचना देने वाला बघोरा से प्राप्त शिवघोश का शिलालेश एवं कुषाण-शक क्षत्रप कालीन अभिलिखित यक्षी प्रतिमा का भेड़ाघाट जबलपुर अंचल से प्राप्ति क्षेत्रीय इतिहास के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। बुधगुप्त व जयनाथ के ताम्र पत्र गुप्त काल के महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। कलचुरि काल में त्रिपुरी डाहल मण्डल की राजधानी था जहां से लगभग 500 वर्ष कलचुरि शासको ने विशाल भूभाग पर शासन किया। इसके बाद गोंड वंश में संग्रामशाह, दलपतिशाह व रानी दुर्गावती जैसे साहसी व प्रतापी शासक हुए है।
कलचुरि काल में जबलपुर को जाउली पत्तल या जाबालिपत्तन कहा जाता था। इस समय बड़े पैमाने पर मंदिरों] मठों व मूर्तियों का निर्माण हुआ] जिसमें कई कलाकेन्द्र यथा बिलहरी] कारीतलाई] तिगवां] तेवर एवं भेडाघाट आदि स्थापित हुए।
Hope it helps.
Image - Google Pic
Attachments:
Similar questions