Hindi, asked by tomartaani9, 9 days ago

rani laxmi bai 400 word essay in hindi​

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Answered by indialover44
1

Answer:

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Explanation:

प्रस्तावना

देश की महान वीरांगनाओं मे से एक रानी लक्ष्मीबाई भाई जिन्होंने अंग्रेजों से युद्ध में लोहा लिया और उन्हें युद्ध में हराया। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली पहली भारतीय महिला थी. जिन्होंने अंग्रेजो खिलाफ उन्हें देश से निकलने बिगुल बजाया।

रानी लक्ष्मी बाई का जन्म

रानीलक्ष्मी बाई को झांसी की रानी के रूप में भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश में झांसी जिले की रानी थी. उनका जन्म 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी में हुआ था और उनके माता-पिता ने उनका नाम मणिकर्णिका (मनु) रखा था.

रानी लक्ष्मी बाई का विवाह

उसका विवाह झाँसी जिले के एक राजा, राजा गंगाधर राव के साथ हुआ था और 1851 में दामोदर राव नाम का एक बेटा था. 4 महीने में दुखी होकर, उसका बेटा गुजर गया और उसने राजा गंगाधर के साथ अपने चचेरे भाई के बेटे को गोद लिया और उसका नाम दामोदर राव रख दिया.

रानी लक्ष्मी बाई की वीरता

रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के विद्रोह का चेहरा माना जाता था. उनकी वीरता और साहस ने ब्रिटिश सरकार को बहुत कठिन समय दिया.

Conclusion (निर्ष्कर्ष)

युद्ध में रानी लक्ष्मी बाई ने वीरगति पायी. मर्त्यु को बरण करके भी वह अमर रही थी. उनके वीरतापूर्णबी शाहस के लिए उन्हें आज भी लोग याद किया करते है.

Answered by hulumgola10
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रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को काशी के असीघाट, वाराणसी में हुआ था. इनके पिता का नाम मोरोपंत तांबे और माता का नाम 'भागीरथी बाई' था. इनका बचपन का नाम 'मणिकर्णिका' रखा गया परन्तु प्यार से मणिकर्णिका को 'मनु' पुकारा जाता था।

मनु जब मात्र चार साल की थीं, तब उनकी मां का निधन हो गया. पत्नी के निधन के बाद मोरोपंत मनु को लेकर झांसी चले गए. रानी लक्ष्मी बाई का बचपन उनके नाना के घर में बीता, जहां वह “छबीली” कहकर पुकारी जाती थी. जब उनकी उम्र 12 साल की थी, तभी उनकी शादी झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ कर दी गई।

उनकी शादी के बाद झांसी की आर्थिक स्थिति में अप्रत्याशित सुधार हुआ. इसके बाद मनु का नाम लक्ष्मीबाई रखा गया.

अश्वारोहण और शस्त्र-संधान में निपुण महारानी लक्ष्मीबाई ने झांसी किले के अंदर ही महिला-सेना खड़ी कर ली थी, जिसका संचालन वह स्वयं मर्दानी पोशाक पहनकर करती थीं. उनके पति राजा गंगाधर राव यह सब देखकर प्रसन्न रहते. कुछ समय बादरानी लक्ष्मीबाई ने एक पुत्र को जन्म दिया, पर कुछ ही महीने बाद बालक की मृत्यु हो गई.

पुत्र वियोग के आघात से दु:खी राजा ने 21 नवंबर, 1853 को प्राण त्याग दिए. झांसी शोक में डूब गई. अंग्रेजों ने अपनी कुटिल नीति के चलते झांसी पर चढ़ाई कर दी. रानी ने तोपों से युद्ध करने की रणनीति बनाते हुए कड़कबिजली, घनगर्जन, भवानीशंकर आदि तोपों को किले पर अपने विश्वासपात्र तोपची के नेतृत्व में लगा दिया.

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