Hindi, asked by deivaishnavisingh, 11 months ago

Ras kise kahte hai paribhasit karte huge evam isthayi bhaw likhiye

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Answered by PsychoUnicorn
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रस की परिभाषा → रस को काव्य की आत्मा/प्राण भी माना जाता है। रस का शाब्दिक अर्थ "आनंद"। जिस काव्य को पढ़ने या सुनने से हमें आनंद की अनुभूति होती है वह रस कहलाता है।

रस के भेद -

  • श्रृंगार रस
  • हास्य रस
  • करूण रस
  • वीर रस
  • रौद्र रस
  • भयानक रस
  • बीभत्स रस
  • अदभुत रस
  • शांति रस
  • वत्सल रस
  • भकित रस

उदाहरण -

१. वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो।

सामने पहाड़ हो कि सिंह की दहाड़ हो।

तुम कभी रुको नहीं, तुम कभी झुको नहीं।।

२. जसोदा हरि पालने झुलावै ।

हलरावे, दुलरावै, मल्हावै, जोई सोई कछु गावै ।

कबहुँ पलक हरि मूंद लेत हैं, कबहुँ अधर फरकावै।

जो सुख सूर अमर मुनि दुर्लभ, सो नन्द भामिनी पावै ।

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