रस के अंतर्गत स्थाई भाव विभाग से किस प्रकार भिन्न में होता है उदाहरण देकर समझा कर लिखिए
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¿ रस के अंतर्गत स्थाई भाव विभाव से किस प्रकार भिन्न में होता है उदाहरण देकर समझा कर लिखिए।
➲ रस के अंतर्गत स्थाई भाव विभाव से भिन्न होता है।
स्थाई भाव रस का सबसे प्रमुख और प्रथम अंग होता है और किसी भी रस का स्थाई भाव रस का मूल तत्व होता है, बिना स्थाई भाव के किसी भी रस की अनुभूति नहीं की जा सकती। स्थाई भाव दस प्रकार का होता है, क्योंकि हर रस का एक स्थाई भाव है।
विभाव रस का दूसरा और अनिवार्य अंग है, लेकिन यह स्थाई भाव आस्वाद योग्य बनाने वाले कारण उत्पन्न करता है। विभाव दो प्रकार का होता है...
आलंबन विभाव और उद्दीपन विभाव।
उदाहरण के लिए किसी श्रृंगार रस की कविता में नायक-नायिका के मिलन-विरह आदि का वर्णन किया जाता है और रति नामक स्थाई भाव की अनुभूति होती है, लेकिन इस स्थाई भाव को अनुभूत कराने के लिए विभाव का कार्य जैसे चांदनी रात, बाग-बगीचे, सरोवर, सुंदर विहार, प्राकृतिक दृश्य, नायिका सौंदर्यीकरण आदि जैसे मनमोहक वातावरण वाले तत्व विभाव का कार्य करते हैं।
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