Hindi, asked by arjunsinghamliyar, 5 months ago

रस की परिभाषा एवं उसके प्रकार लिखिए।
नर्मदा और
से
TATT रित​

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Answered by guptajitendrabca1
7

Explanation:

रस की परिभाषा रस : रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनन्द'। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। ... श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है।

दसों रस एवं उनके स्थायी भाव

1. श्रृंगार रस का स्थायी भाव = रति

2. हास्य रस का स्थायी भाव = हास

3. करूण रस का स्थायी भाव = शोक

4. रौद्र रस का स्थायी भाव = क्रोध

5. वीभत्स रस का स्थायी भाव = जुगुप्सा

6. भयानक रस का स्थायी भाव = भय

7. अद्धभुत रस का स्थायी भाव = विस्मय

8. वीर रस का स्थायी भाव = उत्साह

9. शान्त रस का स्थायी भाव = निर्वेद

10. वात्सल्य रस का स्थायी भाव = वत्सल आचार्य

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