रस की परिभाषा लिखिए और सभी रसों की परिभाषा
लिखते हुए प्रत्येक के 5 उदाहरण लिखिए
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रस की परिभाषा ?
इसका उत्तर रसवादी आचार्यों ने अपनी अपनी प्रतिभा के अनुरूप दिया है। रस शब्द अनेक संदर्भों में प्रयुक्त होता है तथा प्रत्येक संदर्व में इसका अर्थ अलग – अलग होता है।
उदाहरण के लिए
पदार्थ की दृष्टि से रस का प्रयोग षडरस के रूप में तो , आयुर्वेद में शस्त्र आदि धातु के अर्थ में , भक्ति में ब्रह्मानंद के लिए तथा साहित्य के क्षेत्र में काव्य स्वाद या काव्य आनंद के लिए रस का प्रयोग होता है।
काव्य पढ़ने – सुनने अथवा देखने से श्रोता पाठक या दर्शक एक ऐसी भवभूति पर पहुंच जाते हैं जहां चारों तरफ केवल शुद्ध आनंदमई चेतना का ही साम्राज्य रहता है।
इस भावभूमि को प्राप्त कर लेने की अवस्था को ही रस कहा जाता है।
अतः रस मूलतः आलोकिक स्थिति है, यह केवल काव्य की आत्मा ही नहीं बल्कि यह काव्य का जीवन भी है इसकी अनुभूति से सहृदय पाठक का हृदय आनंद से परिपूर्ण हो जाता है।