Hindi, asked by shivnarayansahu78603, 3 months ago

रस निष्पत्ति किस
प्रकार होती है उदाहरण से समझाइए

Answers

Answered by shishir303
1

¿ रस निष्पत्ति किस प्रकार होती है. उदाहरण से समझाइए।

✎... रस निष्पत्ति से तात्पर्य स्थाई भाव आश्रय के हृदय में आलंबन के द्वारा उत्तेजित होकर उद्दीपन के प्रभाव से उद्दीप्त होकर संचारी भावों से पुष्ट होता हुआ अनुभावों के माध्यम से जो स्थाई भाव की अनुभूति पाठक या श्रोता को होती है, वही अनुभूति ‘रस निष्पत्ति’ कहलाती है।

सरल अर्थों में कहें तो रस निष्पत्ति से तात्पर्य काव्य को पढ़कर या सुनकर जो ह्रदय युक्त भाव पाठक या श्रोता के चित्त में आनंद उत्पन्न करते हैं, वही रस निष्पत्ति है। रस निष्पत्ति के 4 अवयव होते हैं, स्थाई भाव, विभाव, अनुभाव और संचारी भाव।

उदाहरण के लिये...

राम को रूप निहारति जानकी, कंकण के नग की परछाहीं,

यातें सबै सुधि भूलि गयी, कल टेकि रही पल टारत नाहीं।

इन पंक्तियों में को पढ़कर मन राग-अनुराग के भाव उभरते हैं, इसलिये यहाँ पर ‘श्रृंगार रस’  रस की निष्पत्ति होती है।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Answered by AkashMathematics
0

Answer:-

रस निष्पत्ति से तात्पर्य स्थाई भाव आश्रय के हृदय में आलंबन के द्वारा उत्तेजित होकर उद्दीपन के प्रभाव से उद्दीप्त होकर संचारी भावों से पुष्ट होता हुआ अनुभावों के माध्यम से जो स्थाई भाव की अनुभूति पाठक या श्रोता को होती है, वही अनुभूति 'रस निष्पत्ति' कहलाती है।

Explanation:

साधारण शब्दों में:

आचार्यों के मतानुसार 'हास्य' नामक स्थाई भाव अपने अनुकूल , विभाव , अनुभाव और संचारी भाव के सहयोग से अभिव्यक्त होकर जब आस्वाद का रूप धारण कर लेता है तब उसे हास्य कहा जाता है। सामान्य विकृत आकार-प्रकार वेशभूषा वाणी तथा आंगिक चेष्टाओं आदि को देखने से हास्य रस की निष्पत्ति होती है।

Similar questions