Hindi, asked by luckykakkar082, 3 months ago

रस संप्रदाय का प्रवर्तक माना जाता है ? *

1 point

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

आचार्य मम्मट

विश्वनाथ

भरतमुनि

Answers

Answered by shishir303
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सही उत्तर है, विकल्प...

➲ भरत मुनि

व्याख्या:✎ ...

‘रस संप्रदाय’ के प्रवर्तक भरत मुनि माने जाते है। भरत मुनि ने ही रस संप्रदाय की स्थापना की थी। भरत मुनि ने 200 ईसवी पूर्व में रस संप्रदाय की स्थापना की। उन्होंने सबसे पहले अपने ग्रंथ ‘नाट्यशास्त्र’ में रस का निरुपण किया था, इसी कारण उन्हें रस निरूपण का प्रथम व्याख्याता माना जाता है।उनके ग्रंथ ‘नाट्यशास्त्र’ करो रस निरूपण का पहला ग्रंथ माना जाता है। भरत मुनि ने अपने इस ग्रंथ के छठे अध्याय में रस सूत्र तथा सातवें अध्याय में विभाव, अनुभव, संचारी भाव तथा स्थाई भाव का विस्तार पूर्वक वर्णन किया है।

भरतमुनि के अनुसार रस आस्वाद प्रदान करने वाला तत्व है। जिस प्रकार तरह-तरह के व्यंजनों और द्रव्य पदार्थों के मिश्रण से भोजन को बनाया जाता है, उसी प्रकार तरह-तरह के भावों के सहयोग से ही रस का सृजन होता है।

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