रस से संबंधित 10 बहु वैकल्पिक प्रश्न लिखिए ?
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रस का अर्थ
रस का शाब्दिक अर्थ है आनंद काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे 'रस' कहा जाता है।
रस के चार अंग माने गए हैं –
1. स्थायीभाव
2. विभाव
3. अनुभाव
4. संचारीभाव1. स्थायीभाव
रस
स्थायी भाव
1
श्रृंगार
रति
2
हास्य
हास
3
करुण
शोक
4
रौद्र
क्रोध
5
वीर
उत्साह
6
भयानक
भय
7
वीभत्स
जुगुप्सा
8
अद्भुत
विस्मय
9
शांत
निर्वेद
10
वात्सल्य
वत्सलता
11
भक्ति रस
अनुराग2. विभाव
वे कारण, विषय और वस्तुएँ, जिसके कारण भाव जागती हैं और उन्हें विभाव कहते हैं।
1. आलंबन विभाव
जिसका सहारा पाकर स्थायी भाव जगते हैं, आलंबन विभाव कहलाता है।
आलंबन विभाव के दो भेद होते हैं
(क) आश्रय – जिस व्यक्ति के मन में भावों की उत्पत्ति होती है, उसे आश्रय कहते हैं।
(ख) विषय – जिस चीज के लिए मन में भावों की उत्पत्ति होती है, उसे विषय कहते हैं।
2. उद्दीपन विभाव
जिन वस्तुओं या परिस्थितियों को देखकर स्थायी भाव उद्दीप्त होने लगता है उद्दीपन विभाव कहलाता है। जैसे- चाँदनी, कोकिल कूजन, एकांत स्थल, रमणीक उद्यान आदि।
3) अनुभाव
वे गुण और क्रियाएँ जिनसे रस का बोध हो।
जैसे-चुटकुला सुनकर हँस पड़ना, तालियाँ बजाना
4) संचारी या व्यभिचारी भाव
ये भाव पानी के बुलबुलों के सामान उठते और विलीन हो जाने वाले भाव होते हैं। इनकी कुल संख्या 33 है।Note (नोट) :
(1) शृंगार रस को ‘रसराज/ रसपति’ कहा जाता है।
(2) श्रृंगार रस के व्यापक दायरे में वत्सल रस व भक्ति रस आ जाते हैं
(3) रसों की संख्या 9 ही मानना ज्यादा उपयुक्त है।
Explanation:
(क) आश्रय – जिस व्यक्ति के मन में भावों की उत्पत्ति होती है, उसे आश्रय कहते हैं। (ख) विषय – जिस चीज के लिए मन में भावों की उत्पत्ति होती है, उसे विषय कहते हैं।
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Q1. रे नृप बालक काल बस बोलत तेहि न संभार | धनु ही सम त्रिपुरारि |धनु विदित सकल संसार |
A) वियोग रस
B) रौद्र रस
C) संयोग रस
D) करुण रस
Q2. पायो जी म्हें तो राम- रतन धन पायो | वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपणायो |
A) वात्सल्य रस
B) शांत रस
C) भक्ति रस
D) अद्भुत रस
Q3. देखी यशोदा शिशु के मुख में सकल विश्व की माया | क्षण भर को वह बनी अचेतन हित न सकी कोमल काया ||
A) वात्सल्य रस
B) शांत रस
C) भक्ति रस
D) अद्भुत रस
Q4. उठो लाल अब आँखें खोलो पानी लाइ हूँ मुँह धो लो |
A) शांत रस
B) वात्सल्य रस
C) भक्ति रस
D) अद्भुत रस
Q5. दुलहिन गावहु मंगलचार हम घर आये राजा राम भरतार ||
A) वीभत्स रस
B) वात्सल्य रस
C) संयोग रस
D) वियोग रस
Q6. मैया मोरी चंद्र खिलौना लाऊ हो | जैहयो कोटि घस पर अबहि तेरे गोद न अइहो |
A) वीभत्स रस
B) वात्सल्य रस
C) संयोग रस
D) वियोग रस
Q7. जब मै था तब हरि नाहिं अब हरि है मै नाहिं सब अँधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहिं
A) शांत रस
B) वात्सल्य रस
C) भक्ति रस
D) अद्भुत रस
Q8. बुंदेले हर बोलो के मुख हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।।
A) वीर रस
B) संयोग रस
C) शांत रस
D) करुण रस
Q9. बुरे समय को देख कर गंजे तू क्यों रोय। किसी भी हालत में तेरा बाल न बाँका होय
A) वीर रस
B) संयोग रस
C) शांत रस
D) हास्य
Q10. पड़ी थी बिजली-सी विकराल, लपेटे थे घन जैसे बाल। कौन छेड़े ये काले साँप, अवनिपति उठे अचानक काँप।
A) शांत रस
B) वात्सल्य रस
C) भक्ति रस
D) अद्भुत रस