Hindi, asked by gt73434, 2 months ago

rasatmakam vakyam kavyam paribhasha hai​

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Answered by bamanedhanashree123
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Answer:

काव्य लक्षण की परिभाषा करते हुए उन्होंने कहा था, “ वाक्यं रसात्मकं काव्यम्”। अर्थात् रसयुक्त वाक्य काव्य है। आचार्य विश्‍वनाथ ने 'काव्यत्व' के लिए 'रसत्व' का आधार ग्रहण किया। उनके अनुसार गुण, अलंकार, वक्रोक्ति, ध्वनि आदि सभी रस के पोषक हैं।

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