Hindi, asked by sounrahul2001, 2 months ago

रश्मिरथी के आधार पर करण का चरित्र-चित्रण करे 200 ​

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Answered by aroranishant799
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Answer:

कर्ण 'रश्मिरथी' के नायक हैं। कविता की पूरी कहानी कर्ण के इर्द-गिर्द घूमती है। काव्य का नामकरण भी कर्ण को नायक सिद्ध करता है। 'रश्मिरथी' का अर्थ है - वह व्यक्ति जिसका रथ रश्मि अर्थात पुण्य का हो।

Explanation:

  • साहसी और वीर योद्धा - इस खंडकाव्य के आरंभ में ही कर्ण एक वीर योद्धा के रूप में हमें दिखाई देता है। हथियारों के प्रदर्शन के समय, वह प्रदर्शन स्थल पर उपस्थित होकर अर्जुन को चुनौती देता है।
  • दुर्योधन ने कर्ण को राजा बनाकर जाति-अपमान से बचाया, तभी से कर्ण दुर्योधन का अभिन्न मित्र बन गया। कृष्ण और कुंती के समझाने के बावजूद कर्ण दुर्योधन का साथ नहीं छोड़ते और अंत तक कर्ण पूरी तरह से अपनी दोस्ती के प्रति समर्पित रहता है।
  • सच्चा गुरु भक्त - कर्ण अत्यंत विनम्र और गुरु के प्रति समर्पित है। कीड़ा कर्ण की जाँघ को काटकर भीतर प्रवेश कर जाता है, रक्त की धारा बहने लगती है, लेकिन कर्ण अपने पैर नहीं हिलाता, क्योंकि हिलने-डुलने से सोए हुए स्वामी को जाँघ पर सिर रखकर जगाया जाएगा।
  • कर्ण के चरित्र की एक मुख्य विशेषता यह है कि वह धन की लालसा से मुक्त होता है।
  • कर्ण कौरवों की ओर से महाभारत के युद्ध में सेनापति हैं। वह अपने बिस्तर पर लेटे हुए और युद्ध के लिए भीष्म पितामह से आशीर्वाद लेने जाता है।
  • कर्ण को जाति और गोत्र के कारण सभा में अपमानित होना पड़ा। इस कारण उन्हें जाति और गोत्र के प्रति गहरी उदासीनता थी।

#SPJ3

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