Rashtra ke Nirman Mein imandari ka yogdan
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देश की तरक्की है हम सबकी जिम्मेदारी
व्यक्ति से समाज और समाज से राष्ट्र का निर्माण होता है। एक जिम्मेदार व्यक्ति के लिए समाज और राष्ट्र के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। अगर इसका निर्वाह नहीं किया जाए तो उन्नत, सुसंस्कृत एवं आदर्श समाज या देश की कल्पना संभव नहीं है। एक अच्छे समाज का निर्माण करने के लिए मेरा मानना है कि अपने पारिवारिक दायित्वों के साथ देश और समाज के प्रति दायित्वों को निर्वाह भी पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। एक समाज, समुदाय या देश के नागरिक होने के नाते कुछ दायित्वों का पालन व्यक्तिगत रूप से करनी चाहिए। ये भारत के नागरिकों के लिए आवश्यक है कि वो वास्तविक अर्थो में आत्मनिर्भर बनें। ये देश के विकास के लिए बहुत आवश्यक है, यह तभी संभव हो सकता है, जब देश में अनुशासित, समय के पाबंद, कर्तव्यपरायण और ईमानदार नागरिक हों। हमें जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। परिवार एवं आसपास के लोगों से मेलजोल और समन्वय के साथ रहना चाहिए। इससे परिवार और समाज में शांति, आपसी प्रेम और परस्पर विश्वास की रसधार बहेगी। यह तो सामाजिक नजरिया है। अब आर्थिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारी की बात करते हैं।
हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। भारत विश्व की उभरती आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। यह देश के नए नजरिये, उदारवादी अर्थनीति, उद्यमशीलता के अलावा लोगों के समन्वित प्रयास व उत्साह का नतीजा है। भारत में विदेशी पूंजी निवेश बढ़ रहा है। देश इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवा-सुविधाओं के मामले में आगे बढ़ रहा है। जरा सोचिए, यह सबकुछ कहां से हो रहा है। यह देश के नागरिकों के टैक्स के पैसे से ही तो हो रहा है। कहते हैं कि भारत में बेशुमार कालाधन है। लोगों ने बिना टैक्स दिए बेशुमार दौलत बना ली है। जरा सोचिए लोग सच्चे मन से अपना पूरा-पूरा टैक्स चुकाएं तो देश कहां से कहां चला जाएगा। और टैक्स देने में और मुट्ठी सख्त कर लें तो विकास के बदले देश अवनति की तरफ बढ़ जाएगा। टैक्स के ही पैसे सड़कें बनती हैं। नहर निकाली जाती हैं। स्कूल-कालेज, अस्पताल बनते हैं। सड़क, मोहल्ले, कालोनी व बस्ती रात में बिजली से जगमगाती है।
बच्चों, मैं यह बताना चाहता हूं कि तमाम फर्ज की तरह हमरा देश-प्रदेश के प्रति यह भी फर्ज है कि हम पूरी ईमानदारी से टैक्स दें। अपने परिवार के लोगों को बताएं कि उन्हें आयकर, उत्पाद कर, सेवा कर, वाणिज्य कर आदि कर समय से अदा करें। टैक्स की चोरी नहीं करें। इसी पैसे देश तरक्की करता है और करोड़ों लोगों को फायदा होता है।
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