rashtrabhasha Hindi ki sthiti nibandh 100 words
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Essay on Hindi Language
वॉल्टर केनिंग ने कहा था विदेशी भाषा का किसी भी स्वतन्त्र राष्ट्र की राज-काज और शिक्षा की भाषा होना सांस्कृतिकदास्ता है| एक विदेशी भाषा होने के बावजूद अंग्रेजी में राज-काज को विशेष महत्व दिए जाने और राजभाषा के रूपमें अपने सम्मान प्राप्त करने हेतु हिंदी के संघर्ष के कारण जानने के लिए सबसे पहले हमें हिंदी की संवैधानिक स्थितिको जानना होगा| संविधान के अनुच्छेद 343 के खंड-1 में कहा गया है कि भारत संघ की राजभाषा हिंदी और लिपिदेवनागरी होगी| संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त होने वाले अंको का रूप, भारतीय अंको का अंतरराष्ट्रीयरूप होगा| खंड-2 में यह उपबन्ध किया गया था कि संविधान के प्रारंभ से 15 वर्ष की अवधि तक अर्थात 26 जनवरी,1965 तक संघ के सभी सरकारी प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग होता रहेगा जैसे कि पूर्व में होता था| वर्ष 1965 तक राजकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी के प्रयोग का प्रावधान किए जाने का कारण यह था कि भारत वर्ष 1947 सेपहले अंग्रेजों के अधीन रहा था और तत्कालीन ब्रिटिश शासन में यहाँ इसी भाषा का प्रयोग राजकीय प्रयोजनों केलिए होता था|