rashtrabhasha Hindi par 80 se 100 shabdon mein anuchchhed likhen
please batao
in short 90 words only please
only important points in short very short please take it as serios dont write any thing in answer
Answers
Explanation:
प्रस्तावना
हिन्दी दिवस भारत में हर वर्ष '14 सितंबर' को मनाया जाता है। हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिन्दी हमारी 'राष्ट्रभाषा' भी है। वह दुनियाभर में हमें सम्मान भी दिलाती है। यह भाषा है हमारे सम्मान, स्वाभिमान और गर्व की। हिन्दी ने हमें विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। हम आपको बता दें कि हिन्दी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।
इतिहास
भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन् 1953 से संपूर्ण भारत में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को 'हिन्दी दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
वर्तमान दृष्टि से हिन्दी का महत्व
धीरे-धीरे हिन्दी भाषा का प्रचलन बढ़ा और इस भाषा ने राष्ट्रभाषा का रूप ले लिया। अब हमारी राष्ट्रभाषा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत पसंद की जाती है। इसका एक कारण यह है कि हमारी भाषा हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है। आज विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश का रुख कर रहे हैं। एक हिन्दुस्तानी को कम से कम अपनी भाषा यानी हिन्दी तो आनी ही चाहिए, साथ ही हमें हिन्दी का सम्मान भी करना सीखना होगा।
प्रसिद्धिबाघ संरक्षित क्षेत्र
प्रसिद्धिबाघ संरक्षित क्षेत्ररणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य दुनिया भर में बाघों की मौजूदगी के कारण जाना जाता है और भारत में इन जंगल के राजाओं को देखने के लिए भी यह अभयारण्य सबसे अच्छा स्थल माना जाता है।
प्रसिद्धिबाघ संरक्षित क्षेत्ररणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य दुनिया भर में बाघों की मौजूदगी के कारण जाना जाता है और भारत में इन जंगल के राजाओं को देखने के लिए भी यह अभयारण्य सबसे अच्छा स्थल माना जाता है।विवरण- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के सवाईमाधोपुर ज़िले में स्थित है। यह उत्तर भारत के बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में गिना जाता है। 392 वर्ग किलोमीटर में फैले इस उद्यान में अधिक संख्या में बरगद के पेड़ दिखाई देते हैं। यह उद्यान बाघ संरक्षित क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय अभयारण्य अपनी खूबसूरती, विशाल परिक्षेत्र और बाघों की मौजूदगी के कारण विश्व प्रसिद्ध है। अभयारण्य के साथ-साथ यहाँ का ऐतिहासिक दुर्ग भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लंबे समय से यह राष्ट्रीय उद्यान और इसके नजदीक स्थित रणथंभौर दुर्ग पर्यटकों को विशेष रूप से प्रभावित करता है।
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