Rashtrapati ki shaktiya kaha tak simit hai
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भारतीय राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां
भारतीय राष्ट्रपति को संविधान द्वारा तीन प्रकार की निषेधाधिकार शक्ति प्राप्त है|
आत्यंतिक वीटोविशेषित वीटोपॉकेट वीटो
भारत के संदर्भ में किसी विधेयक का कानून का रूप प्राप्त करने के लिए आवश्यक है की उसे संसद के दोनों सदनों से पारित होने के साथ ही राष्ट्रपति की भी मंजूरी प्राप्त हो| जब कोई विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाता है तो उसके पास मुख्यतः तीन विकल्प होता है-
वह विधेयक पर अपनी सहमती दें,वह विधेयक पर अपनी सहमती सुरक्षित रखें,वह विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए लौटा दें
राष्ट्रपति की सभी तीनों वीटों शक्ति इन्हीं विकल्पों को अपनाने से सम्बन्धित होता है| हालांकि संविधान संसोधन से संबंधित विधेयकों के संबंध में राष्ट्रपति के पास कोई वीटो शक्ति नही है| 24 वें संविधान संसोधन अधिनियम 1971 ने संविधान संसोधन विधेयको पर राष्ट्रपति को अपनी मंजूरी देने के लिए बाध्यकारी बना दिया है| आइये एक-एक कर तीनो राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां के बारे में समझते है|
भारतीय राष्ट्रपति को संविधान द्वारा तीन प्रकार की निषेधाधिकार शक्ति प्राप्त है|
आत्यंतिक वीटोविशेषित वीटोपॉकेट वीटो
भारत के संदर्भ में किसी विधेयक का कानून का रूप प्राप्त करने के लिए आवश्यक है की उसे संसद के दोनों सदनों से पारित होने के साथ ही राष्ट्रपति की भी मंजूरी प्राप्त हो| जब कोई विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाता है तो उसके पास मुख्यतः तीन विकल्प होता है-
वह विधेयक पर अपनी सहमती दें,वह विधेयक पर अपनी सहमती सुरक्षित रखें,वह विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए लौटा दें
राष्ट्रपति की सभी तीनों वीटों शक्ति इन्हीं विकल्पों को अपनाने से सम्बन्धित होता है| हालांकि संविधान संसोधन से संबंधित विधेयकों के संबंध में राष्ट्रपति के पास कोई वीटो शक्ति नही है| 24 वें संविधान संसोधन अधिनियम 1971 ने संविधान संसोधन विधेयको पर राष्ट्रपति को अपनी मंजूरी देने के लिए बाध्यकारी बना दिया है| आइये एक-एक कर तीनो राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां के बारे में समझते है|
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