Rashtrawadi sangharsh mein mahilaon ki bhumika par tippani likhiye answer
Answers
Answer:
ADVERTISEMENTS:
इन संवादों में ”स्त्री-प्रश्न” प्रमुखता से उठाए गए जैसा कि जेम्स मिल जैसे पश्चिमी प्रेक्षकों ने ”भारत की एक सभ्यता-केंद्रित समालोचना” प्रस्तुत करने के क्रम में किया है जिसमें, ”स्त्रियों की पतित दशा को सभ्यताओं के श्रेष्ठता-क्रम में भारत की हीन स्थिति का सूचक” माना गया है ।
इसलिए आश्चर्य नहीं कि स्त्रियों की स्थिति उन्नीसवीं सदी के आधुनिकता-समर्थक भारतीय बुद्धिजीवियों के सुधार के एजेंडे का प्रमुख बिंदु बन गया । पश्चिम की निंदामूलक समालोचना के जवाब में उन्होंने एक स्वर्णिम अतीत की कल्पना की, जिसमें स्त्रियों को आदर और सम्मान दिया जाता था; उन्होंने उन प्रथाओं में सुधार का आग्रह किया, जिनको वे विकृतियाँ या भटकाव मानते थे ।
इस तरह कन्या शिशु की हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया सती का उन्मूलन किया गया और विधवाओं के पुनर्विवाह को कानूनी बनाया गया । इन सभी उदाहरणों में शास्त्रों का नाम लेकर सुधारों को वैध ठहराया गया और सुधार आंदोलनों में स्त्रियों को कभी शामिल नहीं किया गया ।
यह कहना भ्रामक होगा कि ये पुरुष सुधारक स्त्री-जाति के प्रति सहानुभूति या करुणा से वंचित थे । पर वे उनको अपने आधुनिकीकरण के कार्यक्रम का विषय समझते थे और उन्हें अपने बराबर की, चेतना-संपन्न प्राणी नहीं समझते थे जो अपनी स्वयं की मुक्ति के साधन बन सकें