Rashtriya Ekta ki Pran Hindi
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haa rashtriya Ekta ki praan hai Hindi
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हमारे पास तहजी ब, धर्म और राष्ट्रीय एकता जैसे बहुत कीमती शब्द है ं, लेकिन शब्दों की तकदीर भी पत्थरों की तकदीर होती है- देवताओं की उन मूर्तियों की तर ह, जिनमें प्राण-प्रतिष्ठा तो उसे करनी होती ह ै, जो उन्हें प्यार करता है। लोग दो तरह के होते हैं : ए क, जोशब्द को छोड़ देते है ं, अर्थ को पकड़ लेते हैं और उसका व्यापार करते हैं। दूसर े, जो अर्थ को छोड़ देते है ं, शब्द को पकड़ लेते हैं और उसका व्यापार करते हैं।
प्यार खुले आसमान की ओर उस खुली हुई हथेली का नाम ह ै, जिस पर चाँद-तारे उतर आते हैं और कायनात की शक्तियों के जितने भी रंग होते है ं, वे हथेली पर खेलते हैं। और व्यापार उस बंद मुट्ठी का नाम है कि जैसे ही हाथ सिमट गय ा, एक मुट्ठी-सा हो गय ा, तो आसमान उस मुट्ठी से निकल गया। सब चाँद-तारे उस मुट्ठी से निकल गए। हर रंग का सौंदर्य उस मुट्ठी से निकल गया।
बंद मुट्ठी के पास अँधेरे के सिवा
प्यार खुले आसमान की ओर उस खुली हुई हथेली का नाम है, जिस पर चाँद-तारे उतर आते हैं और कायनात की शक्तियों के जितने भी रंग होते हैं, वे हथेली पर खेलते हैं। और व्यापार उस बंद मुट्ठी का नाम है कि जैसे ही हाथ सिमट गया, एक मुट्ठी-सा हो गया