rashtriya parv ka mahathva samjjayiye
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जब एक मनुष्य का जन्म होता है तो उसे किसी भी तरह का ज्ञान नही होता । कुछ ज्ञान उसे अपने माता पिता से तरफ से मिलता है ,कुछ अपने गुरुओ से और कुछ ज्ञान हमे इन त्योहारो से मिलता है । त्यौहार हमारे जीवन में मनोरंजन के साथ – साथ हमे सांस्कृतिक और धार्मिक ज्ञान देता है । देश के सभी नागरिक इन्हे बड़े धूम – धाम से बिना किसी भेद – भाव के मानते है ।
होली ,दिवाली ,गांधी जयंती ,स्वतंत्रता दिवस जैसे त्यौहार हमारे देश में सभी नागरिक मिलजुल कर धूम -धाम से मानते है । इन त्योहोरो में न कोई मुस्लिम ,न कोई सिख ,न हिन्दू ,न ईसाई
होता है ।
रेडियो और टेलीविशन आदि पर इन विशेष दिनों पर ख़ास मनोरंजन के कार्यक्रम दिखाए जाते है । इन त्योहारो पर देश के सभी नागरिक एक जुट होकर बिना किसी भेद -भाव ,बिना किसी जातिवाद के मनाये जाते है । सारा देश इन त्योहारो को बड़े हर्ष और उल्लास से मनाते है । सारा देश प्रेम के रंग में डूब जाता है । इन त्योहारो की वजह से सारे देश में राष्ट्रीयता की भावना में ढूब जाता है । इन त्योहारो के दिन कोई नही पहचान पाता की कौन हिन्दू है ,कौन मुस्लिम ,कौन सिख और कौन ईसाई है ।