Rashtriya Prati Mera Kartavya essay in Nepali
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देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य पर निबंध
देश के किसी भी व्यक्ति के कर्तव्यों का आशय उसके/उसकी सभी आयु वर्ग के लिये उन जिम्मेदारियों से हैं जो वो अपने देश के प्रति रखते हैं। देश के लिये अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की याद दिलाने के लिये कोई विशेष समय नहीं होता, हांलाकि ये प्रत्येक भारतीय नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार हैं कि वो देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे और आवश्यकता के अनुसार उनका निर्वाह या निष्पादन अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।
अपने देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Duty towards my Country in Hindi)
निबंध 1 (300 शब्द)
भारत एक धार्मिक, सांस्कृतिक और परंपरागत देश हैं और विवधता में एकता के लिये प्रसिद्ध हैं। हांलाकि, इसे विकास के लिये स्वच्छ, भ्रष्टाचार, सामाजिक संघर्षों, महिलाओं के खिलाफ अपराधों, गरीबी, प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग आदि के अन्त के लिये अपने नागरिकों के और अधिक प्रयासों की आवश्यकता हैं। लोगों को सरकार पर चिल्लाने और दोषी ठहराने के स्थान पर देश के प्रति अपने कर्त्तव्यों को समझना चाहिये। देश की वृद्धि एवं विकास के लिये सभी व्यक्ति व्यक्तिगत रुप से जिम्मेदार हैं। लोगों को लाओं तुज़ के प्रसिद्ध कथन,“हजारों कोसो की यात्रा एक कदम से शुरु होती हैं।” को कभी नहीं भूलना चाहिये। सभी को अपने मौलिक कर्त्तव्यों के बारे में जानकारी रखनी चाहिये और उन्हें नजरअंदाज किये बिना अनुकरण करना चाहिये। देश के अच्छे और जिम्मेदार नागरिक होने के कारण, सभी को अपने कर्त्तव्य वफादारी से निभाने चाहिये जैसे:
देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य
लोगों को सरकार के बनाये हुये सभी नियमों और कानूनों का पालन करना चाहिये। उन्हें प्राधिकरणों का आदर करना चाहिये और कोई नियम नहीं तोड़ना चाहिये साथ ही साथ दूसरों को भी ऐसा करने के लिये प्रेरित करना चाहिये।
सभी को देश और संगी नागरिकों के प्रति ईमानदार और वफादार होना चाहिये। उन्हें एक-दूसरे के लिये सम्मान की भावना रखनी चाहिये और देश के कल्याण के लिये बनायी गयी सामाजिक व आर्थिक नीतियों का भी सम्मान करना चाहिये।
लोगों को अपने बच्चों को शिक्षा में शामिल करना चाहिये और उनके स्वास्थ्य और बचपन की देखभाल करनी चाहिये। उन्हें अपने बच्चों को बाल-श्रम और अन्य अपराध करने के लिये मजबूर नहीं करना चाहिये।
लोगों को अपने देश को दुनिया में सबसे अच्छा देश बनाने के लिये प्रयास करना चाहिये।
निबंध 2 (400 शब्द)
परिचय
किसी भी व्यक्ति के कर्त्तव्य उसकी वो जिम्मेदारी हैं जिन्हें उसे व्यक्तिगत रुप से निभाना होता हैं। एक नागरिक जो समाज, समुदाय या देश में रहता हैं, वो देश, समाज या समुदाय के लिये बहुत से कर्त्तव्यों और जिम्मेदारियों को रखता हैं जिन्हें उसे सही तरीके से निभाना होता हैं। लोगों को अच्छाई में विश्वास रखना चाहिये और देश के प्रति महत्वपूर्ण कर्त्तव्यों को कभी भी नजअंदाज नहीं करना चाहिये।
देश का एक नागरिक होने के नाते मेरा देश के लिये कर्त्तव्य
निष्कर्ष
ये भारत के नागरिकों के लिये आवश्यक है कि वो वास्तविक अर्थों में आत्मनिर्भर होने के लिये अपने देश के लिये अपने कर्त्तव्यों का व्यक्तिगत रुप से पालन करें। ये देश के विकास के लिये बहुत आवश्यक हैं जो तभी संभव हो सकता है जब देश में अनुशासित, समय के पाबंद, कर्तव्यपरायण और ईमानदार नागरिक हो।
निबंध 3 (500 शब्द)
देश के प्रति नागरिकों के कर्त्तव्य
भारतीय नागरिकों के विभिन्न पदों के लिये निम्नलिखित जिम्मेदारियाँ हैं:
माता-पिता: माता-पिता देश के प्रति सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं क्योंकि वो ही देश के लिये एक अच्छे और बुरे नेता देने के मुख्य स्त्रोत हैं। वो बच्चों के प्राथिमक आधारभूत विद्यालय होते हैं इसलिये उन्हें हर समय चौकस रहना चाहिये क्योंकि वो देश के भविष्य को पोषण देने के लिये जिम्मेदार हैं।
कुछ लालची माता-पिता (चाहे गरीब हो या अमीर) के कारण, हमारा देश आज भी गरीबी, लिंग असमानता, बाल-श्रम, बुरे सामाजिक और राजनीतिक नेता, कन्या भ्रूण-हत्या जैसी सामाजिक बुराईयों को अस्तित्व में रखता हैं और जिससे देश का भविष्य बेकार है। सभी माता-पिता को देश के प्रति अपने कर्त्तव्यों को समझना चाहिये और अपने बच्चों (चाहे लड़की हो या लड़का) को उचित शिक्षा के लिये स्कूल अवश्य भेजना चाहिये, इसके साथ ही अपने बच्चों के स्वास्थ्य, स्वच्छता और नैतिक विकास की देखभाल करनी चाहिये, उन्हें अच्छी आदतें, शिष्टाचार, और देश के प्रति उनके कर्त्तव्यों को सिखाना चाहिये।
शिक्षक: अपने छात्रों को अच्छा और सफल नागरिक बनाकर देश को अच्छा भविष्य देने में शिक्षक द्वितीय स्त्रोत हैं। उन्हें अपने देश के प्रति अपने कर्त्तव्यो को समझना चाहिये और कभी भी अपने छात्रों के मध्य (अमीर-गरीब, बुद्धिमान- औसत छात्रों में) भेदभाव नहीं करना चाहिये। उन्हें देश के लिए अच्छे नेता और उज्ज्वल भविष्य देने के लिए अपने सभी छात्रों को समान ढंग से पढ़ाना चाहिए।
डॉक्टर: मरीज के लिये डॉक्टर एक भगवान की तरह माना जाता हैं क्योंकि वो उन्हें नया जीवन देता/देती हैं। कुछ लालची डॉक्टरों के कारण देश में उच्च तकनीकी उपचार उपलब्ध नहीं हैं। जो देश के गरीब यहाँ तक कि मध्यम श्रेणी के लोगों के लिये भी बहुत मंहगे है इसलिये वो इन्हें जुटा नहीं पाते हैं। कुछ सरकारी डॉक्टर अस्पतालों (हॉस्पिटल्स) में अपने कर्त्तव्यों को सही से नहीं निभाते हैं और अपने निजी चिकित्सालयों (क्लीनिकों) को खोल लेते हैं। उन्हें देश में सभी महंगे उपचारों को सभी जरुरतमंदों के लिये किफायती मूल्यों पर उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिये। उन्हें उच्च शिक्षा के बाद विदेश नहीं जाना चाहिये हांलाकि, अपने देश में रहकर देश के बेहतर विकास के लिये कार्य करने चाहिये।
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apko ans upar mil gaya hai to mujhe nahi lagta ki apko second ans ki jarurat hai
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