Social Sciences, asked by Saliq7089, 3 months ago

Rastbhasha sanskrit me nibhand

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Answered by InfernoSkeleton
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वैसे तो हिंदी को संवेधानिक रूप से Rajbhasha का दर्जा दिया गया हैं. किन्तु उन्हें यह सम्मान सैद्धांतिक रूप में प्राप्त हैं. वास्तविक रूप में राज भाषा का सम्मान प्राप्त करने के लिए इसे अंग्रेजी से संघर्ष करना पड़ रहा हैं.

एक विदेशी भाषा होने के बावजूद अंग्रेजी में राज-काज को विशेष महत्व दिए जाने और राजभाषा के रूप में अपने सम्मान को प्राप्त करने के लिए Rashtrabhasha Hindi के संघर्ष का कारण जानने के लिए सबसे पहले हमें हिन्दी की संवैधानिक स्थिति जानना होगा.

संविधान के अनुच्छेद के अनुच्छेद 343 के खंड 1 में कहा गया हैं कि भारत संघ की राज भाषा हिंदी एवं लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजन के लिए प्रयुक्त होने वाले अंकों रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा. खंड 2 में यह अनुबंध किया गया था कि संविधान के प्रारम्भ से पन्द्रह वर्ष की अवधि अर्थात् 26 जनवरी 1965 तक संघ के सभी सरकारी प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग होता रहेगा, जैसा कि पूर्व में होता था.

Answered by Anonymous
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वैसे तो हिंदी को संवेधानिक रूप से Rajbhasha का दर्जा दिया गया हैं. किन्तु उन्हें यह सम्मान सैद्धांतिक रूप में प्राप्त हैं. वास्तविक रूप में राज भाषा का सम्मान प्राप्त करने के लिए इसे अंग्रेजी से संघर्ष करना पड़ रहा हैं.

एक विदेशी भाषा होने के बावजूद अंग्रेजी में राज-काज को विशेष महत्व दिए जाने और राजभाषा के रूप में अपने सम्मान को प्राप्त करने के लिए Rashtrabhasha Hindi के संघर्ष का कारण जानने के लिए सबसे पहले हमें हिन्दी की संवैधानिक स्थिति जानना होगा.

संविधान के अनुच्छेद के अनुच्छेद 343 के खंड 1 में कहा गया हैं कि भारत संघ की राज भाषा हिंदी एवं लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजन के लिए प्रयुक्त होने वाले अंकों रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा. खंड 2 में यह अनुबंध किया गया था कि संविधान के प्रारम्भ से पन्द्रह वर्ष की अवधि अर्थात् 26 जनवरी 1965 तक संघ के सभी सरकारी प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग होता रहेगा, जैसा कि पूर्व में होता था.

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