History, asked by beingsagar4844, 5 months ago

Raster kut shashtishli kasa bana?

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Answered by mallasandhya8888
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Answer:

जब उत्तरी भारत

में पाल और प्रतिहार वंशों का शासन था, दक्कन में राष्टूकूट राज्य करते

थे। इस वंश ने भारत को कई योद्धा और कुशल प्रशासक दिए हैं। इस साम्राज्य की

नींव दन्तिदुर्ग ने डाली। दन्तिदुर्ग ने 750 ई. में चालुक्यों के शासन

को समाप्त कर आज के शोलापुर के निकट अपनी राजधानी मान्यखेट अथवा मानखेड़ की नींव रखी। शीघ्र ही महाराष्ट्र

के उत्तर के सभी क्षेत्रों पर राष्ट्रकूटों का आधिपत्य हो गया। गुजरात और

मालवा के प्रभुत्व के लिए इन्होंने प्रतिहारों से भी लोहा लिया। यद्यपि इन

हमलों के कारण राष्ट्रकूट अपने साम्राज्य का विस्तार गंगा घाटी तक नहीं कर

सके तथापि इनमें उन्हें बहुत बड़ी मात्रा में धन राशि मिली और उनकी ख्याति

बढ़ी। वंगी (वर्तमान आंध्र प्रदेश) के पूर्वी चालुक्यों और दक्षिण में कांची के पल्लवों तथा मदुरई

के पांड्यों के साथ भी राष्ट्रकूटों का बराबर संघर्ष चलता रहा।

राष्ट्रकूटों के सबसे शक्तिशाली शासक सम्भवतः इन्द्र तृतीय (915-927) तथा

कृष्ण तृतीय (929-965) थे। महीपाल की पराजय और कन्नौज के पतन के बाद 915

में इन्द्र तृतीय अपने समय का सबसे शक्तिशाली राजा था। इसी समय भारत आने

वाले यात्री अल मसूदी के अनुसार बल्लभराज या बल्हर भारत का सबसे महान्

राजा था और अधिकतर भारतीय शासक उसके प्रभुत्व को स्वीकार करते थे और उसके

राजदूतों को आदर देते थे। उसके पास बहुत बड़ी सेना और असंख्य हाथी थे।

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