Social Sciences, asked by chouhanakansha85, 5 days ago

rastrabad ke bhavna ke prasar ​

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Answered by k77yadav
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सत्रहवीं शताब्दी में राष्ट्र शब्द का अभिप्राय राज्य की जनसँख्या से हुआ करता था चाहे उसमें जातीय एकता हो या ना हों, 1772 के पौलैंड विभाजन के बाद राष्ट्र काफी प्रचलित हुआ. इसका अर्थ देशभक्ति से लिया जाने लगा. 18वीं शताब्दी के अंत में एक राजनितिक शक्ति के रूप में इसका उदय हुआ और 19वीं शताब्दी के प्रारम्भ में राष्ट्र के अर्थ राजनितिक स्वतंत्रता अथवा प्रभुसत्ता से लगाया गया चाहे वह प्राप्त कर ली हो या वांछित हो.

राष्ट्रवाद का सिमित अर्थ एक ऐसी एकता की भावना या सामान्य चेतना जो राजनितिक, एतिहासिक, धार्मिक, भाषायी, जातीय , सांस्कृतिक व् मनोवेज्ञानिक तत्वों पर आधारित रहती है. राष्ट्रवाद उस एतिहासिक प्रतिक्रिया का प्रतिपादन करता हैं जीके द्वारा राष्ट्रीयता, राजनितिक एककों का रूप धारण कर लेती हैं. यह वह भावना हैं जिससे प्रेरित होकर वे लोग एक निश्चित और सशक्त राष्ट्रीयता का निर्माण करते हैं और संसार में अपने लिए विशिष्ट पहचान बनाना चाहते हैं. राष्ट्रवाद की भावना एक प्रकार की समूह भावना हैं.

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