Hindi, asked by suraj367547, 10 months ago

rastriya ekta 100 to 150 word's ​

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Answered by sunmishgar
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Answer:

भारत देश में राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत सन् 2014 में पहली बार की गई। भारत देश विश्व के सबसे बड़े देशों में आता है जो पूरे विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारतवर्ष में 1600 से अधिक भाषाएं और बोलियां बोली जाती है।

Explanation:

राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत केंद्र सरकार ने सन् 2014 में दिल्ली में किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल को एकता का मिसाल भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने हमेशा देश को एकजुट करने का प्रयास किया इसलिए इस दिन सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं और इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं।

31 अक्टूबर सन् 2014 को राष्ट्रीय एकता दिवस को सर्वव्यापी बनाने और महान लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करने के लिए मैराथन का भी आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय एकता दिवस को मनाने के साथ-साथ देश के युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता का संदेश भी पहुंचाता है क्योंकि अगर देश के युवा पीढ़ी एकता को समझेंगे तभी राष्ट्रीय एकता सफल होगा।

इस दिन देश के विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय एकता से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। रन फॉर यूनिटी मैराथन देश के विभिन्न शहरों गांव और जिलों में आयोजन किया जाता है इस दिन स्कूलों राष्ट्रीय सेवा योजना के लोग बहुत बढ़ चढ़ कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते है

राष्ट्रीय एकता दिवस वल्लभ भाई पटेल के राष्ट्र के प्रति समर्पण को याद रखने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकता दिवस अलग-अलग समुदाय के लोगों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देता है और सांस्कृतिक समानता लाता है।

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एकता एक ऐसी ताकत है जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय अंग्रेज शासन के विरुद्ध आम भारतीय लोगों ने मिलकर दिखाई थी जिसका अंजाम हमारे सामने हैं कि हमारा भारतवर्ष आजाद है।

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व Importance of Rashtriya Ekta Diwas

राष्ट्रीय एकता दिवस देश में एकता, प्रेम, शांति और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देता है। राष्ट्रीय एकता दिवस को मनाने से देश के लोगों के अंदर एक नई ताजगी और ताकत आती है जो उन्हें प्रोत्साहित करती है।

देश के विभिन्न धर्मों के लोगों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शिक्षा शिविरों की सहायता से एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने में आसानी होती है। देश की अर्थव्यवस्था और न्याय प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवाम में एकता का होना बहुत ही आवश्यक है जिससे देश के विकास में कोई कठिनाई नहीं आएगी।

एकता का सबसे बड़ा बाधक है स्वार्थी पल क्योंकि जब वक्त सिर्फ अपने फायदे और नुकसान के बारे में सोचता है तथा उसे दूसरे की परवाह नहीं होती है। तो भी देश का विकास नहीं हो सकता। जब भारत आजाद नहीं था तो इस अखंडता का फायदा अंग्रेज उठाते थे इसीलिए देश में एकता होना बहुत ही आवश्यक है।

देश के विकास में एकता का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि पूरे देश का विकास कोई एक अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता है। राष्ट्र में एकता होने से उसकी स्थिति मजबूत होती है और अखंडता आ जाने से देश की स्थिति कमजोर हो जाती है ऐसी परिस्थिति में हमारा ही नुकसान होता है।

भारतवर्ष में एकता के स्वर को सबसे ज्यादा बुलंद स्वतंत्रता सेनानी और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल हमेशा देश के युवाओं को एकता का संदेश देते थे और राष्ट्र की एकता के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते थे। अगर सभी को देश में विकास चाहिए तो सबको एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।

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राष्ट्रीय एकता में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका Role of Sardar Vallabhbhai Patel in National Integration

जब भारतवर्ष आजाद हुआ उस समय वह कई छोटे-छोटे रियासतों में बटा हुआ था जिन को एक साथ लाने का श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल आजादी के ठीक पूर्व कई राज्यों को भारत में मिलाने के लिए कार्य शुरू कर दिया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत के राजनीतिक एकीकरण के पिता के रूप में भी जाना जाता है।

सरदार पटेल जी के मार्गदर्शन से कई राज्य संयुक्त रूप से संस्थाओं में रूपांतरण होने के बाद भारतीय संघ में शामिल हुए थे। भारत के कई सारे राज्यों में आजादी के बाद के शुरुआती दिनों में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा किए गए महान कार्यों का आज भी लोग उत्सव मनाते हैं। आज भारत वर्ष के हर एक हिस्से में तिरंगा लहराया जाता है जिसका पूरा श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है।

सभी भारतीयों को एकता की शिक्षा देने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच घनिष्ठ एवं मजबूत संबंध बनाएं। आजादी के बाद उन्होंने गृह मंत्री के रूप में सेवा दिया जिसमें उनकी पहली प्राथमिकता दी सभी राज्यों को भारत में मिलाना।

सन् 1991 में मरने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को भारत रत्न से नवाजा गया था। अहमदाबाद में एक हवाई अड्डा है जिसका नाम है सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया। गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के एक नए स्मारक का शिलान्यास भी किया गया है और यहां लौह से निर्मित एक विशाल प्रतिमा लगाने का भी निश्चय किया गया |

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