रत (2) गद्य आकलन-प्रश्ननिर्मिति : . निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर परिच्छेद में एक-एक वाक्य में हों: आकाश में ग्रहों का पता लगाना जरा भी कठिन कार्य नहीं है। ये सभी सूर्य के भ्रमणपथ के आसपास ही रहते हैं। सूर्य आकाश में जिस मार्ग से खिसकता दिखाई देता है, उसे 'रविमार्ग' कहते हैं। इस रविमार्ग के सत्ताईस समान भाग नक्षत्र और बारह समान भाग राशियाँ हैं। ये नक्षत्र या राशियाँ वर्तुलाकार के भाग हैं और इसीलिए इन्हें 'विभागात्मक नक्षत्र' अथवा 'राशियाँ' कहा जाता है। इनके नाम भी इन विभागों के समीप आए हुए नक्षत्रों और राशियों के अनुसार हैं। अधिक स्पष्टता के लिए इन दूसरे प्रकार के नक्षत्रों अथवा राशियों को तारात्मक नक्षत्र या राशियाँ कहा जाता है। सूर्य, चंद्रमा और ग्रह नक्षत्रों अथवा राशियों में से होकर गुजरते रहते हैं। अमुक समय में आकाश में ये सभी कहाँ दिखाई देंगे, इनका दैनंदिन ब्योरा अपने देशी पंचांगों में दिया जाता है। जिनका आकाश के तारों से परिचय है, ऐसे लोग स्थिर ग्रहों को झट पहचान लेते हैं।
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1-akash me kiska pata lagana kathin Kam nahi hai ?
2-sury jis marg se gujarta he use kya kahte he ?
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