रत्नाकर गर्जन करता है, मलयानिल बहता है।हरदम यह हौसला हृदय में प्रिये! भरा रहता है।इस विशाल, विस्तृत, महिमामय रत्नाकर के घर के-कोने-कोने में लहरों पर बैठ फिरूँ जी भर के ॥ iska sandharb prasang or bhakya lekhiya
Answers
Answered by
0
Answer:
smsdm
Explanation:
,..nandjfchfbfrmemekkw kdkskms
Similar questions