Hindi, asked by samarshakya786, 8 months ago


रत्न प्रसविनी हैं वसुधा, अब समझ सका है
इसमें सच्ची समता के दाने बोने हैं।
इसमें जन की क्षमता के दाने बोने हैं।
इसमें मानव ममता के दाने बोने हैं।
जिसमें उगल सके फिर धूल सुनहली फसल
मानवता की -जीवन श्रम से हँसें दिशाएँ।
हम जैसा बोयेंगे वैसा ही पायेंगे।​

Answers

Answered by ISRAELDAVID1446
1

Answer:

please type in English

Answered by adityamarkam003
0

Explanation:

sacchi Samta aur Jain ki kshamta ke Dane se Kavi ka kya aashay hai

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