रतौंधी किस विटामिन की कमी के कारण होती हैं। इस कमी को रोकने के लिए आप क्या सलाह देंगे।
Answers
- Vitamin A
रतौंधी का कारण[1] :
नेत्रों के भीतरी भाग में स्थित रेटिना दो प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। कुछ कोशिकाएँ छड़ की आकार की और कुछ शंकु के आकार की होती हैं। इन कोशिकाओं में जो रंग कण होते हैं, वे प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं।
इन छड़ कोशिकाओं में रोडोप्सीन नामक एक पदार्थ पाए जाते है जो कि एक संयुग्मी प्रोटीन होता है, यह पदार्थ आप्सीन नामक प्रोटीन और रेटीनल नामक अप्रोटीन तत्वों से मिलकर बना होता है।
अधिक समय तक प्रकाश रहने पर रोडोप्सीन का विघटन, रंगहीन पदार्थ रेटीनल और आप्सीन के रूप में हो जाता है, लेकिन प्रकाश से अंधेरे में आने पर रोडोप्सीन का तुरंत निर्माण हो जाता है और एक क्षण से भी कम समय में सृष्टि सामान्य हो जाती है।
उक्त प्रक्रिया में शामिल रेटीनल विटामिन ए का ही एक प्रकार है अतः विटामिन ए की कमी हो तो उजाले से अँधेरे में आने पर या कम प्रकाश मे रोडोप्सीन का निर्माण नहीं हो पाता और दिखाई नहीं देता। इस स्थिति को रतौंधी कहते हैं।
क्या खांए?
प्रतिदिन काली मिर्च का चूर्ण घी या मक्खन के साथ मिसरी मिलाकर सेवन करने से रतौंधी नष्ट होती है।
प्रतिदिन टमाटर खाने व रस पीने से रतौंधी का निवारण होता है।
आंवले और मिसरी को बारबर मात्रा में कूट-पीसकर 5 ग्राम चूर्ण जल के साथ सेवन करें।
हरे पत्ते वाले साग पालक, मेथी, बथुआ, चौलाई आदि की सब्जी बनाकर सेवन करें।
अश्वगंध चूर्ण 3 ग्राम, आंवले का रस 10 ग्राम और मुलहठी का चूर्ण 3 ग्राम मिलाकर जल के साथ सेवन करें।
मीठे पके हुए आम खाने से विटामिन ‘ए’ की कमी पूरी होती है। इससे रतौंधी नष्ट होती है।
सूर्योदय से पहले किसी पार्क में जाकर नंगे पांव घास पर घूमने से रतौंधी नष्ट होती है।
शुद्ध मधु नेत्रों में लगाने से रतौंधी नष्ट होती है।
किशोर व नवयुवकों को रतौंधी से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें भोजन में गाजर, मूली, खीरा, पालक, मेथी, बथुआ, पपीता, आम, सेब, हरा धनिया, पोदीना व पत्त * गोभी का सेवन कराना चाहिए।
क्या न खाएं?
चाइनीज व फास्ट फूड का सेवन न करें।
उष्ण मिर्च-मसाले व अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थो का सेवन से अधिक हानि पहुंचती है।
अधिक उष्ण जल से स्नान न करें।
आइसक्रीम, पेस्ट्री, चॉकलेट नेत्रो को हानि पहुंचाते है।
अधिक समय तक टेलीविजन न देखा करें। रतौंधी के रोगी को धूल-मिट्टी और वाहनों के धुएं से सुरक्षित रहना चाहिए।
रसोईघर में गैंस के धुएं को निष्कासन करने का पूरा प्रबंध रखना चाहिए।
खट्टे आम, इमली, अचार का सेवन न करें।