रतन
तख्त पर बानी
नीचे लिखे गद्याश का पढ़कर दिए गए प्रश्ना क उत्तर लाखए-
सकर जो सबकी सब झपटीं तो भागकर जाना कठिन हो गया। लश्टम-पश्टम तख्तों
न-भर की भखी भेड़ें दाने का सूप देखकर जो सबकी सब झपटीं तो भागकर जाना की
पार्टी पर भेड-चाल मशहूर है। उनकी नजर तो बस दाने के सूप पर जमी हुई थी। पलंगों को फलाँगती बात
लुढ़काती साथ-साथ चढ़ गई।
सीडीटी का दपटा फैला हुआ था जिस पर गोखरी, चपा और सलमा-सितारे रखकर बडी दीदी मगलानी बसा
कर बता रही थीं। भेड़ें बहुत निःसंकोच सबको रौंदती, मेंगनों का छिड़काव करती हुई दौड गई।
जब तफान गुजर चुका तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टैंकों और -
का तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टैंकों और बमबारों सहित उधर से छापा मारकर गजर गई हो।
जहाँ-जहाँ से सूप गुजरा, भेड़ें शिकारी कुत्तों की तरह गंध सूंघती हुई हमला करती गईं।
(पृष्ठ 54)
प्रश्न-
1. भेडों ने ऊधम क्यों मचाया?
2. भेड़-चाल से आप क्या समझते हो?
| 3. बानी दीदी दुपट्टा फैलाकर क्या कर रही थी?
4. भेडों के निकल जाने के बाद का क्या नज़ारा था?
5. भेड़ों की तुलना जर्मनी सेना से क्यों की गई?
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