Ratri Mein Aakash Darshan ka Anand lete Hue Apne Anubhav ka kathan kijiye
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रात्रि में आकाश दर्शन
रात्रि में आकाश दर्शन का अपना ही मजा होता है। यह मानव का स्वभाव रहा है कि मनुष्य हजारों साल से आकाश के टिमटिमाते सितारों को निहारता आया है। उन टिमटिमाते सितारों को देखकर मनुष्य के मन में अनेक सवाल उठते हैं कि यह तारे कहां हैं। क्या उन तक पहुंचा जा सकता है। मनुष्य के मन में उज्जवल सफेद दूधिया चांद को देख कर भी ख्याल आता है और उसके मन में चाँद को देखकर सुंदर भाव भी जाग उठता है। तब चांद को देखकर उसके मन में उस चांद को पाने की हसरत उमड़ है। उस चांद को छूने की तमन्ना जाग उठती है।
रात्रि में काले खुले आसमान को एकटक निहारना और टिमटिमाते-चमचमाते सफेद तारों को देखना, दूधिया प्रकाश से भरे चांद को लगातार देखने का अपना ही अलग आनंद है। यह आनंद मन को बड़ा संतोष प्रदान करता है। उस समय मन में यह भाव उत्पन्न होता है। सारी दुनिया से बेखबर इस सितारों से भरे आसमान को बस निहारते रहो निहारते रहो।
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