Hindi, asked by ishikaghai6, 4 months ago

रवि जग मे शोमा सरसाता
सोम सुप्या तरसाता
सब है जग कर्म मे कोई
निविक्रम दृष्टि न आता
है उददेश्य नितांत तुच्छ
तृण के भी
लघु जीवन का
उसी पूर्ति मे वह करता है।अतं कर्ममय तन को।
पंंश्नन:

१)उपर्युक्त पाश का उचित शीषर्क लिखे।

२) तृण का जीवन कैसा है।
३)उपर्युक्त पधांश का सांरश लिखे।​

Answers

Answered by akhileshpal932
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Answer:

1. Ravi

2. laghu

3. don't know

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