Hindi, asked by tseries12345678901, 10 months ago

‘रव शेष रह गए हैं निर्झर’ का आशय स्पष्ट कीजिये l

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Answered by shishir303
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‘रव शेष रह गए हैं निर्झर’ का आशय...

‘सुमित्रानंदन पंत’ द्वारा रचित “पर्वत प्रदेश में पावस” कविता की इन पंक्तियों का आशय है कि पल-पल बदलते इस मौसम में बादलों के चारों तरफ छा जाने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे पर्वत जैसे गायब हो गए हैं और मानो पूरा आकाश ही धरती पर टूट कर आकर गिर पड़ा हो, केवल झरने ही शेष रह गए हैं, यानी चारों तरफ तेज झरनों का ही शोर सुनाई दे रहा है।

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मेखलाकार शब्द का अर्थ क्या है? इस शब्द का प्रयोग क्यों किया गया है?(पर्वत प्रदेश में पावस, कक्षा 10)

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झरनों की तुलना किससे की गई है और क्यों? (30-40 शब्दों में)

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