रविंद्र नाथ टैगोर की महत्व बाते
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गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोडा साधकों ठाकुर बाड़ी में हुआ था।
उनके पिता का नाम देवेन्द्र नाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था।
रविन्द्र नाथ बैरिस्टर बनने लंदन विश्वविद्यालय गये लेकिन कानून की पढ़ाई में मन न लगने के कारण 1880 में बिना डिग्री के वापस आ गये।
टैगोर ने पहली कविता आठ वर्ष की उम्र में लिखी थी।
टैगोर ने करीब 2230 गीतों की रचना की।
वे एकमात्र ऐसे कवि हैं जिनकी दो रचनाएं दो देशों की राष्ट्र गान बनी 1. भारत का राष्ट्र गान जन गण मन 2. बांग्लादेश का राष्ट्र गान आमार सोनार।
उनकी काव्य रचना गीतांजलि के लिए उन्हें सन् 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था।
टैगोर जी अपने जीवन में तीन बार अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे महान वैज्ञानिक से मिले, जो टैगोर जी को रब्बी टैगोर कह कर पुकारते थे।
टैगोर जी की मृत्यु 7 अगस्त 1941 को हुई।
उनके पिता का नाम देवेन्द्र नाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था।
रविन्द्र नाथ बैरिस्टर बनने लंदन विश्वविद्यालय गये लेकिन कानून की पढ़ाई में मन न लगने के कारण 1880 में बिना डिग्री के वापस आ गये।
टैगोर ने पहली कविता आठ वर्ष की उम्र में लिखी थी।
टैगोर ने करीब 2230 गीतों की रचना की।
वे एकमात्र ऐसे कवि हैं जिनकी दो रचनाएं दो देशों की राष्ट्र गान बनी 1. भारत का राष्ट्र गान जन गण मन 2. बांग्लादेश का राष्ट्र गान आमार सोनार।
उनकी काव्य रचना गीतांजलि के लिए उन्हें सन् 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था।
टैगोर जी अपने जीवन में तीन बार अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे महान वैज्ञानिक से मिले, जो टैगोर जी को रब्बी टैगोर कह कर पुकारते थे।
टैगोर जी की मृत्यु 7 अगस्त 1941 को हुई।
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